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प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना क्या है, यहां जानें | pradhan mantri adarsh gram yojana

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना एक ऐसी संकल्पना है जिसमें लोगों को बुनियादी सेवाएं दी जाए जिससे उनकी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

pradhan mantri adarsh gram yojana: आदर्श ग्राम की संकल्पना महात्मा गांधी ने आजादी से पहले अपनी किताब “हिन्द स्वाराज” में की थी। गांधी के सपनों का गांव आज तक बन तो नहीं सका लेकिन समय-समय पर इसकी योजनाएं जरूर बनाई गई। लोहिया ग्राम (Lohiya Gram), अंबेडकर ग्राम (ambedkar village) और गांधी ग्राम जैसी कई और योजनाएं हैं  जो आदर्श ग्राम (adarsh gram) बनाने का दावा करती हैं। 

साल 2009-10 में गांवों  के विकास की एक योजना लाई गई “प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना” (PMAGY) इस योजना में ऐसे गांवों का चयन करना था जहां अनुसूचित जातियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो, संविधान में देश के सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता का अधिकार दिया गया है। लेकिन कई जगह ये समानता दिखाई नहीं देती, जैसे अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों और उनके विकास को दरकिनार कर दिया जाता है। 

ऐसे में सरकार का उत्तरदायित्व बनता है ऐसी योजनाएं बनाई जाए जिससे सभी का एक समान विकास हो सके और देश की तरक्की में सभी का योगदान हो सके। महात्मा गांधी नें कहा था कि जब तक गांव विकसित नहीं होंगे देश कभी उन्नति नहीं कर पाएगा। इन्हीं गांवों की तरक्की की जा सके इसके लिए जरूरी है गांव में रहने वाले सभी वर्गों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।

अनुसूचित जातियों के विकास के लिए सरकार ने कई प्रयास किये हैं। इन प्रयासों से कुछ के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। हर साल अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए बजट का आवंटन भी किया जाता है। इसके अलावा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय अनुसूचित जातियों के लिए शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी कई योजनाएं चला रहा है।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना क्या है? (pradhan mantri adarsh gram yojana)

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना एक ऐसी संकल्पना है जिसमें लोगों को बुनियादी सेवाएं दी जाए जिससे उनकी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके जिससे समाज में व्याप्त  सामजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्तर को पाटा जा सके। इन गांवों में वे सभी सुविधाएं हो जो ग्रामीणों को एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए पर्याप्त हो।

महात्मा गांधी की नजर में आदर्श गांव (Adarsh Gram)

महात्मा गांधी की नजर में आदर्श गांव की अवधारणा बिल्कुल साधारण थी। उनका कहना था कि गांव में साफ-सफाई का उत्तम प्रबंध हो, घर ऐसा हो कि उसमें पर्याप्त रोशनी और हवा आ सके। घरों में इतनी जगह हो कि सब्जी उगाई जा सके, पशुओं को रखा जा सके। गांवों से जुड़ी सड़कें ऐसी हो जहां धूल न उड़े। एक ऐसी जगह हो जहां सब अपने धार्मिक रीति-रिवाज निभा सकें। एक सामूहिक बैठक शाला हो। इसके अलावा कोऑपरेटिव डेयरी, प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल हो जहां औद्योगिक शिक्षा की पढ़ाई पर ध्यान हो। हर गांव अपनी सब्जी, अनाज, फल उगा सकें और खादी के लिए काम कर सकें।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (pmagy scheme)

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत 2009-10 में कई गई थी। इस योजना के अंतर्गत ऐसे गांवो का विकास करना है जहां अनुसूचित जातियों की संख्या उस गांव की आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक हो। शुरूआत में यह योजना देश के 5 राज्यों के लिए थी जिसमें असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु के 1000 गांवों को शामिल किया गया था। बाद में इस योजना को विस्तारित करके अन्य राज्यों में भी लागू किया गया। 

2015 में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में 15000 गांव को जोड़ा गया। ये गांव उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत 13 अन्य राज्यों के थे। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (pradhan mantri adarsh gram yojana) के अंतर्गत चयनित गांवों को 21 लाख रुपए प्रति गांव केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाते हैं जिसमें 20 लाख रुपए सामजिक-आर्थिक असामनता को कम करने के लिए और 1 लाख रूपए प्रशासनिक कार्यो के खर्च किये जाते हैं।

ग्रामीण भारत के कायाकल्प के लिए वैसे तो कई प्रयास किये जा चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (pmagy scheme) एक ऐसी योजना है जिसमें अनुसूचित जाति के वर्गों का विशेष ध्यान रखा गया है। जिन गांवों में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या उस गांव की आबादी का 50 फीसदी से अधिक है, उन गांवों का एकसमान रूप से विकास करना इस योजना का मुख्य उदेश्य है। 

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (pmagy scheme) के अलावा भी ग्रामीण विकास के लिए कई योजनाएं सरकार द्वारा बनाई गई हैं। सांसद आदर्श ग्राम योजना इसी प्रकार की एक योजना है जो ग्रामीण विकास की धार को तेज करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इस योजना में हर सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र से कोई एक गांव को चुनकर उसे 2016 तक आदर्श गांव बनाना था। इसके अलावा विभिन्न राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों के ग्रामीण विकास के लिए कई राज्यस्तरीय योजनाएं बनाई हैं। उत्तराखण्ड की सरकार द्वारा अटल आदर्श ग्राम योजना इस प्रकार की योजना का एक  उदाहरण है।

101+ बिजनेस आइडिया

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (pmagy scheme) का उद्देश्य

  • साक्षरता दर, प्राथमिक शिक्षा को पूरा करना, शिशु मृत्यु दर और  मातृ मृत्यु दर को कम करना।
  • इस योजना के अंतर्गत आने वाले गांवों में  सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जरुरी सभी आधारभूत संरचना का निर्माण करना।
  • अनुसूचित जाति और गैर अनुसूचित जाति के लोगों के बीच असामनता को कम करने के लिए सामजिक-आर्थिक संकेतको की पहचान करके उनमें सुधार करना।
  • गरीबी रेखा के नीचे अनुसूचित जाति के सभी लोगों को भोजन और उनकी जीविका चलाने के लिए उपाय करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि अनुसूचित जाति के बच्चे माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई पूरी कर सके।
  • महिलाओं और बच्चो को कुपोषण से बचाने क लिए हर संभव प्रयास करना।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (pmagy scheme) का लक्ष्य

  • जितना संभव हो सके गरीबी को कम करना और 3 साल के अंदर 50 प्रतिशत तक गरीबी को बढ़ने से रोकना।
  • प्राथमिक स्कूलों में कम से कम 100 बच्चों का दाखिला होना चाहिए।
  • पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करवाना और बच्चों के पूर्ण  टीकाकरण को सुनिश्चित करना।
  • गांवों को पक्की सड़क से जोड़ना।
  • गांव में जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र का शत प्रतिशत पंजीकरण करवाना।
  • बाल मजदूरी और बाल विवाह को पूरी तरह से रोकना।

संक्षेप में कहें तो प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (pmagy scheme) भारत के गांवों का विकास करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना से भारत के कई गांवों का कायाकल्प हो चुका है। इसे और बेहतर बनाने की जरूरत है जिससे गांवों का समुचित विकास हो सके। 

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