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poultry farming tips: बारिश में मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के टिप्स
आइए, इस लेख में जानें- बारिश में मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के टिप्स (Tips to protect chickens from diseases in rainy season)

poultry farming tips: किसान भाई मुर्गी पालन का व्यवसाय (poultry farming) अधिक मुनाफा करते हैं लेकिन इस व्यवसाय में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जैसे- बारिश में उन्हें मुर्गियों का ख़ास ख्याल रखना पड़ता है। बारिश के मौसम में मुर्गी को गंभीर बीमारियां और इंफेक्शन होने का सबसे अधिक खतरा होता है।
तो आइए, द रूरल इंडिया के इस लेख में जानें- बारिश में मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के टिप्स (Tips to protect chickens from diseases in rainy season)
मुर्गी के आहार को फंगस से बचाएं
- मूंगफली की खली में नमी की समस्या सबसे ज्यादा होती है, इसलिए ज्यादा पुराने चारे का इस्तेमाल न करें और मुर्गी चारे को सुरक्षित जगह पर ही रखें।
- आहार में नमी की मात्रा 10 % से अधिक ना होने दें, क्योंकि इससे आहार सड़ने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- मुर्गियों को बासी या पुराना आहार न खिलाएं।
- उन्हें 10-15 दिन पुराना आहार ही दें।
- मुर्गियों के चारे और दाने को सीधा जमीन पर न रखें।
- आहार रखने के लिए अलग से अलमारी बनवा लें या फिर जमीन पर लकड़ी के पट्टे बिछाकर बोरियों को रखें।
मच्छर और बीमारियों की रोकथाम की टिप्स
- बरसात में नमी और उमस से मच्छर, मक्खियां पनपने लगती हैं। इनसे बचाव के लिए मुर्गी बाड़े में प्लास्टिक शीट या पर्दा लगा दें।
- मुर्गियों से पर्दा करीब 1.5 फुट की दूरी पर लगाएं। जिससे पर्दों से पानी का रिसाव बिछावन पर न हो।
- मुर्गियों का पेट खराब होने पर पिपराजीन साल्ट का उपयोग कर सकते हैं।
- अगर बाड़े के आस-पास खाली गड्ढे हों तो उन्हें मिट्टी से भर दें।
- मक्खियों का प्रकोप होने पर बीट के ऊपर फिनाईल तथा बाड़े के बाहर मैलाथियान का स्प्रे करें।
- बारिश आने से पहले ही पानी की टंकी को साफ कर लें और उसमें पानी भरने के बाद ब्लींचिग पाउडर या पोटैशियम परमैगनेट अवश्य डालें।
- मुर्गियों को हमेशा साफ पानी ही दें।
मुर्गियों की बिछावन का रखें खास ख्याल
- अगर बिछावन गीली और सख्त हो जाये तो उसे तुरंत हटा दें।
- गीली या नमी वाली बिछावन में चूने या 2-3 इंच सूखी रेत का बुरकाव करें।
- मुर्गियों को बाड़े में घूमने के लिये स्थान की कमी ना हो इसलिए एक मुर्गी पर कम से कम आधा वर्ग फीट की जगह का इंतजाम जरूर करें।