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Pan ki kheti: पान की खेती कैसे करें? यहां जानें

पान की खेती (pan ki kheti) का व्यवसाय आपके लिए सबसे अच्छा कृषि रोजगार है। इसकी खेती करके आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

pan ki kheti: भारत में पान (betel) को लोग शौकिया तौर पर खाना पसंद करते हैं। पूजा-पाठ, त्योहार, समारोह आदि में भी पान की अधिक मांग रहती है। भारत में इसकी खेती अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से की जाती है। जैसे दक्षिण और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में जहां बारिश और नमी ज्यादा होती है, वहां पान की खेती (pan ki kheti)  खूब की जाती है। उत्तर भारत में जहां भीषण गर्मी और कड़ाके की सर्दी पड़ती है, वहां पान की खेती सरंक्षित खेती के तौर पर की जाती है। पान की खेती (pan ki kheti) में दूसरी फसलों से अधिक आमदनी होती है।

 

यदि आप परंपरागत खेती के बजाय आधुनिक खेती करना चाहते हैं, तो पान की खेती (pan ki kheti) आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है। इसकी खेती करके आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। 

 

पान की खेती (betel cultivation) पर एक नजर

  • दुनिया में सबसे ज्यादा पान भारत में उगाया जाता है। 
  • भारत में पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा पान की खेती होती है। 
  • पश्चिम बंगाल में विश्व का 30 प्रतिशत उत्पादन होता है। 
  • केरल में पान की खेती सुपारी और नारियल की खेती की बीच खूब होती है। 
  • दुनिया में पान की 100 से भी ज्यादा किस्में उगाई जाती हैं। 

 

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस ब्लॉग में पान की खेती कैसे करें (pan ki kheti kaise karen), पूरी जानकारी जानें। 

 

पान की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

पान की खेती के लिए 15 से 40 सेंटीग्रेड तापमान की जरूरत होती है। आर्द्रता की बात करें तो 40 से 80 प्रतिशत आर्द्रता आवश्यक है। इसकी बुआई के लिए नबंबर-दिसंबर और जनवरी-फरवरी का समय काफी अनूकुल होता है। 200 से 450 सेमी तक की वार्षिक वर्षा पानी की खेती के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। 

 

पान की खेती के लिए मिट्टी

पान की खेती (pan ki kheti) के लिए जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी सबसे अच्छी होती है। जलभराव, लवणीय या क्षारीय मिट्टी इसकी खेती के लिए ठीक नहीं होती है। 

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ऐसे करें पान की खेती 

  • सबसे पहले खेती की अच्छी तरह जुताई करें।
  • इसके बाद गोबर की खाद मिलाकर खेत को समतल कर लें।
  • पान की खेती के लिए ठंडी और छायतादार जगह की जरूरत होती है। 
  • यह बेलनुमा पौधा होता है, इसकि इसके लिए बांस की कैनेपी बनाई जाती है। 
  • पान की खेती के लिए 2 मीटर चौड़ी क्यारियां बनाई जाती है।
  • दो क्यारियों के बीज 0.5 मीटर चौड़ी और 0.5 मीटर गहराई वाली नाली जल निकाली से लिए बनाई जाती है। 
  • क्यारियों में बांस की पिंचियां लगाई जाता है या फिर बड़े झाड़ वाले पौधे लगाए जाते हैं, जिससे पान की बेल का सहारा मिल सके 
  • इस तरह पान की खेती करके किसान सालों तक उत्पादन ले सकते हैं।  

 

पान की उन्नत किस्में

मीठा पान

  • यह पान स्वाद में बहुत मीठा और स्वादिष्ट होता है। 
  • इसके प्रत्येक बेल में 60 से 80 पत्तियां तक निकलती हैं। 
  • कलम लगाने के बाद 8 महीने तक फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। 
  • प्रत्येक 3 माह बाद बेल से पत्ते की कटाई की जा सकती है। 
  • एक पत्ते से 2 बीड़ा पान बनाए जा सकते हैं। 
  • मीठा पान की खेती मुख्य तौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में की जाती है। 

 

बंग्ला पान 

  • इस किस्म की के पत्ते चौड़े और गहरे हरे होते हैं। 
  • पत्ते कलम के 200 से 210 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। 
  • पत्ते की लंबाई 5 से 6 सेंटीमीटर और चौड़ाई 4.5 से 5 सेंटीमीटर तक होती है। 
  • इसके प्रत्येक बेल से 60 से 70 पत्ते तक प्राप्त हो जाते हैं।
  • बंग्ला पान की खेती मुख्य तौर से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, असम और आंध्र प्रदेश में की जाती है। 

 

बनारसी पान 

  • इस किस्म के पत्ते लंबे और चमकीले हरे होते हैं। प्रत्येक बेल से 60 से 80 पत्ते प्राप्त किए जा सकते हैं। 
  • इसके पत्तों की कटाई 25 से 28 दिन बाद की जा सकती है। 
  • पत्ते की लंबाई 8 से 9 सेंटीमीटर और चौड़ाई 5 से 6 सेंटीमीटर तक होती है। 
  • बनारसी पान की खेती मुख्य रुप से उत्तर प्रदेश और बिहार में होती है।

 

मगही पान 

  • इस किस्म के पत्ते मध्यम लंबे और हल्के हरे होते हैं। 
  • बेल से 180 से 210 दिन की अवधि पर पत्तों की कटाई की जा सकती है। 
  • पत्ते की लंबाई 7 से 9 सेंटीमीटर और चौड़ाई 5 से 6 सेंटीमीटर के लगभग होती है। 
  • यह किस्म फाइटोफथोरा रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है। 
  • मगही पान की खेती मुख्य रुप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में की जाती है।   

 

क्षेत्र अनुसार पान की उन्नत किस्में

  • आंध्रप्रदेश – करापाकू, चेनोर, तैलाकू, बांग्ला और कल्ली पट्टी
  • असम- असम पट्टी, अवनी पान, बांग्ला और खासी पान
  • बिहार- देसी पान कलकत्ता, पाटन, मघई और बांग्ला 
  • कर्नाटक- करियाले, मैसूर और अंबादियाल 
  • ओडिशा – गोदी बांग्ला, नोवा कटक, सांची और बिरकोली 
  • मध्यप्रदेश- देसी बांग्ला, कलकत्ता और देस्वरी 
  • महाराष्ट्रा – काली पट्टी, कपूरी और बांग्ला 
  • पश्चिम बंगाल- बाग्ला, सांची, मीठा काली बांग्ला और सिमुराली बांग्ला

 

पान की खेती में लागत और कमाई

पान की मांग भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी खूब है। दुबई, सऊदी अरब, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित दुनिया के दर्जनों देशों में भी काफी पसंद किया जाता है। पान के पत्तों की बिक्री आप लोकल स्तर के अलावा बड़े शहरों तक बेच सकते हैं। पान की खेती में सावधानियां बरती जाए तो 1 एकड़ की खेती से आप प्रतिवर्ष 4-5 लाख रुपए तक शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं। 

 

किसान भाइयों! ये तो थी, पान की खेती कैसे करें (pan ki kheti kaise karen), की बातयदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस वेबसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें।

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