नींबू की खेती कैसे करें? यहां जानें | nimbu ki kheti
पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी करें तो उन्हें अच्छी आमदनी हो सकती है। इसमें नींबू की बागवानी (lemon farming) सबसे अच्छा विकल्प है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए नींबू का सेवन करना काफी अच्छा माना जाता है। नींबू विटामिन सी (Vitamin-C) से भरपूर फल है। इसमें कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं।
यही कारण है कि छोटे किसान, जिनके पास कम खेत है, वे अच्छी आमदनी के लिए नींबू की स्मार्ट खेती (lemon farming) की तरफ बढ़ रहे हैं।
आज हम आपको इस ब्लॉग में नींबू की बागवानी (lemon agriculture) की पूरी जानकारी देंगे। इससे आप नींबू की खेती (nimbu ki kheti in hindi) को आसान भाषा में जान सकेंगे।
इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे-
- नींबू के लिए जलवायु
- नींबू के लिए मिट्टी
- नींबू की खेती का समय
- खेती की तैयारी कैसे करें
- नींबू की उन्नत किस्में
- नींबू की खेती में सिंचाई
- लगने वाले रोग और निदान
- नींबू की खेती से कमाई
- एक्सपर्ट की सलाह
जिससे आप नींबू की उन्नत खेती करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
तो आइए सबसे पहले नींबू के लिए जलवायु (Climate) के बारे में जानते हैं।
नींबू की खेती के लिए सही जलवायु
नींबू की बागवानी के लिए गर्म और नम जलवायु की ज़रूरत होती है। इसके लिए 20 से 30 सेंटीग्रेड औसत तापमान उपयुक्त होता है। 75 से 200 सेंटीमीटर की बारिश वाले क्षेत्र में नींबू की खेती अच्छी होती है।
ध्यान रखें कि, जिन क्षेत्रों में लंबे समय तक सर्दी होती है और पाला पड़ने की संभावना रहती है, वहां नींबू की बागवानी सही नहीं होती है।
नींबू के लिए मिट्टी
नींबू की बागवानी सभी प्रकार की उपजाऊ मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन उत्पादन की दृष्टि से बुलई दोमट मिट्टी (loamy soil) अच्छी होती है।
नींबू का पौधा लगाने के लिए मिट्टी का पीएच मान (PH Value) 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए। यदि पीएच मान इससे कम है, तो इसे नियंत्रित करने के लिए मिट्टी में बेकिंग सोडा डाल सकते हैं।
नींबू की खेती का समय
नींबू के पौधे लगाने का सही समय जुलाई से अगस्त होता है। जबकि नर्सरी (Nursery) की तैयारी इससे पहले ही कर लेना अच्छा होता है।
आपको बता दें, अच्छी सिंचाई की सुविधा होने पर फरवरी-मार्च में भी इसकी बागवानी की जा सकती है।
खेती की तैयारी कैसे करें
- नींबू की बागवानी से पहले गर्मी के दिनों में खेत की गहरी जुताई करें।
- रोपाई के लिए 60 सेमी x 60 सेमी x 60 सेमी के गड्ढे खोदें।
- पौधा लगाते समय गोबर की कंपोस्ट खाद का उपयोग करें।
- प्रमाणित नर्सरी से ही पौधा लें, जहां रोग रहित पौधा मिलता हो।
- पौधे से पौधे की दूरी 5 मीटर से कम नहीं रखें।
- पौधा रोपण करने से पहले उनका उपचार करें, इससे पौधों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
नींबू के पौधा रोपण के समय खाद और उर्वरक
नींबू की उन्नत किस्में
बारामासी: इस वैरायटी में साल में 2 बार नींबू का फल आता है। फल पकने का समय जुलाई से अगस्त, फरवरी से मार्च तक का होता है।
कागजी नींबू: यह फल थोड़ा छोटा और पकने पर फल पीला हो जाता है। अंदर से रस से भरा होता है।
मीठा नींबू: इस प्रकार के नींबू की कोई विशेष किस्म नहीं होती है।
नींबू की खेती में सिंचाई
अधिक उत्पादन के लिए नींबू के पौधों को सिंचाई (Irrigation) की बहुत जरूरी होती है। गर्मियों के मौसम में 10 दिन जबकि सर्दियों में 20 दिन के अंतराल पर नींबू के पौधों में सिंचाई करनी चाहिए। आवश्यक हो तो बारिश के दिनों में भी सिंचाई की जा सकती है।
नींबू की बागवानी के लिए ड्रिप इरिगेशन टपक प्रणाली) से सिंचाई करना सही होता है। सिंचाई करते वक्त हमेशा ध्यान देना चाहिए की खेत में जलभराव की स्थिति कभी नहीं हो।
नींबू में खाद और उर्वरक प्रबंधन
नींबू के पौधों में आप गोबर खाद, वर्मी कंपोस्ट खाद और वर्मी कंपोस्ट बड़े स्तर पर प्रयोग कर सकते हैं। 3 वर्ष के पौधे में वर्ष में दो बार फूल आने से पहले 5 किलो/पौधे के हिसाब से वर्मी कंपोस्ट, गोबर खाद देना चाहिए।
नींबू के पौधे 10 वर्ष से अधिक होने पर वर्ष में एक बार 250 ग्राम डीएपी(DAP) 150 ग्राम NPK(नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम) जरूर दें।
नींबू में लगने वाले रोग और इलाज
नींबू में कई तरह के कीटों और रोगों का प्रकोप होता है। अतः सही समय पर रोग प्रबंधन करना भी नींबू की बागवानी के लिए बेहद जरूरी है। इसके लिए किसानों को पौधे लगाते समय ही विशेष ध्यान देने की ज़रूरत होती है। उन्हें हमेशा स्वस्थ पौधों को ही लगाना चाहिए, यदि पौधे स्वस्थ और वायरस रहित होंगे तो रोगों की संभावना कम हो जाती है।
नींबू की फसल में लगने वाले रोगों में कैंकर, आर्द्र गलन रोग, नींबू का तेला और धीमा उखरा रोग प्रमुख हैं।
नींबू की खेती से कमाई
आज के दौर में बाज़ार में नींबू की मांग बहुत है। नींबू का इस्तेमाल खाने पीने की चीज़ों और सौन्दर्य के लिए हो रहा है। जिसके कारण बाजार में नींबू के भाव भी बढ़ रहे हैं।
आपको बता दें, नींबू का पौधा लगाने के तीन साल बाद फल लगना शुरू हो जाता है। यदि एक बार आप नींबू की खेती करते हैं, तो कई वर्षों तक नींबू की बागवानी से उपज ले सकते हैं।
यदि मंडी की बात की जाए तो 20 रुपये प्रति किलो से लेकर 80 रुपए प्रति किलो तक नींबू का बाजार भाव मिल जाता है। एक हेक्टेयर में नींबू की बागवानी करके किसान प्रतिवर्ष 5-6 लाख रुपये आसानी से कमा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न- नींबू का पौधा कितने साल तक फल देता है?
उत्तर- नींबू का पौधा 15 से 20 साल तक फल देता है। हालांकि उत्पादन क्षमता नींबू की प्रजाति और फसल प्रबंधन पर निर्भर करता है।
प्रश्न- नींबू का फल कितने दिन में तैयार होता है?
उत्तर- नींबू का फल फूल खिलने के बाद 30 से 45 दिन में तैयार हो जाता है।
प्रश्न- नींबू के पेड़ में कौन सा खाद डालना चाहिए?
उत्तर- नींबू के पेड़ में पौध की रोपाई से पहले गोबर या वर्मी कंपोस्ट खाद और फल लगते समय यूरिया, पोटाश, जिंक की कुछ मात्रा देनी चाहिए।
प्रश्न- नींबू की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
उत्तर- नींबू की कई अच्छी किस्में हैं जिस्में कागजी नींबू, बारामासी और मीठा नींबू प्रमुख है।