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मशरूम की खेती कैसे करें? यहां जानें | mushroom ki kheti

मशरूम की खेती (mushroom ki kheti) से किसानों को अधिक आमदनी होती है। उपयुक्त वातावरण में मशरूम की खेती सालभर की जा सकती है।

mushroom business: इन दिनों मशरूम (mushroom) की मांग बाजार में लगातार बढ़ रही है। मशरूम में प्रोटीन की मात्रा मांस से कई गुना ज्यादा होती है। यही कारण है कि मशरूम को शाकाहारी लोग खूब पसंद करते हैं। मशरूम प्रोटीन के अलावा विटामिन, आयरन और कैल्शियम की मात्रा भरपूर होता है।

यही वजह है कि मशरूम की खेती (mushroom ki kheti) से किसानों को अधिक आमदनी होती है। उपयुक्त वातावरण में मशरूम की खेती सालभर की जा सकती है। मशरूम की खेती के लिए आपको बहुत ज्यादा जमीन की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इसकी खेती की शुरूआत आप एक रूम से भी कर सकते हैं। जिन किसानों के पास खेत कम या नहीं हैं वे किसान भी इसकी खेती करके लाखों रुपए कमा सकते हैं। 

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस लेख में मशरूम की खेती कैसे करें (mushroom ki kheti kaise kare)? मशरूम के प्रकार, लागत और मुनाफा की पूरी जानकारी आसान भाषा में जानें। 

मशरूम की खेती कैसे करें? यहां जानें, मशरूम के प्रकार, लागत और मुनाफा की पूरी जानकारी

इस लेख में आप जानेंगे-

  • मशरूम की खेती में स्कोप
  • मशरूम में औषधीय गुण
  • मशरूम के प्रकार
  • मशरूम की मार्केटिंग
  • मशरूम की खेती में लागत और मुनाफा

मशरूम की खेती में स्कोप (Scope in Mushroom Cultivation)

  • मशरूम की खेती (mushroom ki kheti) दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण कृषि व्यवसायों में से एक है। 
  • मशरूम की खेती कम निवेश और कम जगह के साथ शुरू किया जा सकता है।
  • भारत में कई कृषि उद्यमियों के लिए मशरूम की खेती वैकल्पिक आय का एक उभरता हुआ स्रोत है। 
  • अमेरिका, चीन, इटली और नीदरलैंड दुनिया में मशरूम के शीर्ष उत्पादक हैं और उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और केरल भारत में शीर्ष मशरूम उगाने वाले राज्य हैं।
  • मशरूम की खेती (mushroom ki kheti) में स्कोप की बात करें तो मशरूम की खेती कर आप पैसे कमा ही सकते हैं आप चाहें तो मशरूम के होलसेल विक्रेता भी बन कर पैसे कमा सकते हैं।

मशरूम के औषधीय गुण (medicinal properties of mushrooms)

  • मशरूम के सेवन से मांसपेशियों में सक्रियता और याददाश्त बरकरार रहता है।
  • मशरूम में पोषक तत्व पाया जाता है जो बढ़ती उम्र के लक्षण और वजन घटाने में सहायता करता है।
  • मशरूम में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है जिससे सर्दी और जुकाम जैसी बीमारियां जल्दी नहीं आती है।
  • मशरूम में मौजूद सेलेनियम इम्यूनिटी पावर को भी बढ़ाता है।
  • मशरूम के नियमित सेवन से वजन और ब्लड में शुगर लेवल नहीं बढ़ता है।
  • मशरूम में कोलेस्ट्रॉल भी काफी कम मात्रा में पाया जाता है जो हमारी सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है।
  • मशरूम त्वचा संबंधित बीमारियों के लिए भी लाभदायक होता है।
  • मशरूम की नियमित सेवन से कैंसर होने की आशंका भी कम रहती है।

मशरूम के प्रकार (types of mushrooms)

पूरे विश्व में मशरूम की लगभग 10000 प्रजातियां पाई जाती है जिसमें मात्र 70 प्रजातियां हैं खेती के लिए और खाने के लिए उपयुक्त मानी जाती हैंl उसमें भी भारत में व्यवसायिक तौर पर मात्र 6 मशरूम के प्रजातियों की ही खेती की जाती है। 

  1. बटन मशरुम
  2. ढींगरी (ऑयस्टर) मशरुम
  3. दूधिया मशरुम
  4. पैडीस्ट्रा मशरुम
  5. शिटाके मशरुम 
  6. गैनोडर्मा मशरूम

बटन मशरूम  (button mushroom)

भारत में बटन मशरुम की खेती पहले नमी वाले जगहों पर की जाती थी, लेकिन आजकल नई तकनीक के इस्तेमाल से इसकी खेती कहीं भी और कभी भी की जा रही है। सरकार भी बटन मशरूम की खेती को भरपूर बढ़ावा दे रही है। 

भारत में अधिकतर सफेद बटन मशरुम की एस-11, टीएम-79 और होर्स्ट यू-3  की खेती की जाती है। बटन मशरूम के कवक जाल के रूप में फैलता है। बटन मशरूम में मटन से भी अधिक विटामिन पाई जाती है। इसको हवादार कमरे, शेड, झोपड़ी में आसानी से उगाया जा सकता है।

ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम (Oyster mushrooms)

भारत में उगाई जाने वाली 6 प्रजातियों में धींगरी मशरूम भी मुख्य है धींगरी मशरूम को ओयस्टर मशरूम  (Oyster mushrooms) भी कहा जाता है।

अन्य प्रजातियों की तुलना में या आसानी से उगाई जाने वाली मशरूम है या खाने में स्वादिष्ट सुगंधित मुलायम और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।

इसमें वसा और शुगर की मात्रा कम होने के कारण या रक्तचाप और मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए उपयुक्त आहार है।

पैडीस्ट्रा मशरूम (pedistra mushroom)

पैडीस्ट्रा मशरूम को ‘गर्म मशरूम’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह उच्च तापमान में उगाया जाने वाला मशरूम है। पैडीस्ट्रा मशरूम में स्वाद, सुगंध, प्रोटीन और विटामिन और खनिज लवणों की उच्च मात्रा जैसे सभी गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते है। पैडीस्ट्रा मशरूम लोकप्रियता सफेद बटन मशरूम से कम नहीं है।

यह मशरूम भारत के उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों में उगाया जाता है। 

शिटाके मशरूम (Shiitake Mushrooms)

शिटाके मशरूम को औषधीय गुण से भरपूर मशरूम माना जाता है। इसे व्यावसायिक और घरेलू उपयोग के लिए आसानी से उगाया जा सकता है। यह दुनिया में कुल मशरूम उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर आता है।

सफेद बटन मशरूम की तुलना में शिटाके मशरूम (Shiitake Mushrooms) एक अति स्वादिष्ट और बनावट के अनुसार एक बेशकीमती मशरूम है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन और विटामिन बी भरपूर मात्रा में होते हैं। इसे सागवान, साल और किन्नु जैसे वृक्ष की ठोस भूसी पर भी आसानी से उगा सकते है।

गैनोडर्मा मशरूम (Ganoderma Mushroom)

गैनोडर्मा मशरूम कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसका सेवन कमजोरी दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसके सेवन से उच्च रक्त चाप एवं एलर्जी जैसे समस्याओं में भी राहत मिलती है।

गैनोडर्मा मशरूम की खेती के लिए सभी मौसम उपयुक्त होते हैं किसी भी मौसम में इसकी खेती कर सकते हैं

मशरूम की मार्केटिंग (marketing of mushrooms)

गांव हो या शहर हर जगह मशरूम (mushrooms) की मांग उतनी ही है अगर आप मशरूम की खेती गांव में करते हैं तो अपने आसपास के लोगों को बेच कर या आसपास की मंडियों में बेचकर पैसे कमा सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो मशरूम के अलग-अलग प्रजातियों की खेती कर सकते हैं। 

जिससे आप मशरूम बिक्री के मामले में चाहे तो मशहूर भी हो सकते हैं और अपने मशरूम को अन्य राज्यों में भी निर्यात कर सकते हैं।

अगर आपके मशरूम की बिक्री अच्छी रही तो आप अपने नाम का मशरूम ब्रांड के तौर पर बेच सकते हैं और मार्केट में अन्य मशरूम को टक्कर दे सकते हैं।

मशरूम की खेती में लागत और मुनाफा (Cost and profit in mushroom cultivation)

मशरूम की खेती के लिए आपको बहुत ज्यादा लागत लगाने की जरूरत नहीं है क्योंकि मशरूम की खेती के लिए आपको बहुत जमीन की जरूरत भी नहीं पड़ती है आप इसकी खेती एक रूम में शुरू कर सकते हैं और महीने का लगभग हजारों रुपए कमा सकते हैं।

मशरूम की खेती आप 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक की लागत में भी आसानी से कर सकते हैं। अगर आपके मशरूम का मार्केट में पहचान बन जाए तो आपको मशरूम से लाखों कमाने से कोई नहीं रोक सकता।

ये तो थी, मशरूम की खेती (mushroom business at home) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजना और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

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