कम खर्च और अधिक मुनाफे वाले 101+ बिजनेस आइडिया

Click here
कृषिविविध

जैविक खेती कैसे शुरू करें? यहां जानें | jaivik kheti kya hai

जैविक खेती एक ऐसी तकनीक है, जिसमें जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इसमें रसायनों की कोई जगह नहीं होता है।

organic farming in hindi: पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान जैविक खेती (Organic farming) की ओर तेजी से बढ़ा है। हमारे देश में किसान ऑर्गेनिक खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों की आय में जैविक खेती की भूमिका तेजी से बढ़ रही है।  

जैविक खेती कैसे करें, आइए जानें

इसमें कोई दो राय नहीं है कि रासायनिक खेती की तुलना में जैविक खेती करने के कई फायदे हैं। 

जैविक कृषि (jaivik kheti) आज समय की मांग बन चुकी है। इसलिए हमारे किसान भाइयों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। क्यों लेना चाहिए? तो इसका जवाब आपको इस लेख में मिल जाएगा।      

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस लेख में जैविक खेती (organic farming in hindi) शुरू करने के तरीकों को आसान भाषा में जानें।

इस लेख में हम आपको बताएंगे- 

  • जैविक खेती क्या है (jaivik kheti kya hai?)
  • जैविक खेती कैसे शुरु करें?
  • जैविक खेती के लिए टिप्स
  • जैविक खेती के लाभ
  • जैविक खेती में लागत और आमदनी
  • जैविक उत्पाद की मार्केटिंग कहां करें?

सबसे पहले जानते हैं जैविक खेती क्या है (jaivik kheti kya hai?)

जैविक खेती (jaivik kheti)

जैविक खेती एक ऐसी तकनीक है, जिसमें जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इसमें रसायनों की कोई जगह नहीं होता है। इस तरह की खेती में केवल जैविक तत्वों का ही उपयोग किया जाता है।  

आसान भाषा में कहें तो जैविक खेती (jaivik kheti) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें मिट्टी के प्राकृतिक गुणों को बरकरार रखते हुए फसल ली जाती है।

जैविक खेती कैसे शुरु करें(How to start organic farming)

अधिकांश किसानों का सवाल होता है कि जैविक खेती की शुरुआत कैसे करें? तो आइए, जैविक खेती शुरू करने से पहले इन बातों को जान लें। 

(1)अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी को समझें

ऑर्गेनिक खेती से पहले किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु और फसल के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए, क्योंकि हर जगह की जलवायु, हर जगह की जमीन अलग होती है। 

  • जैविक खेती शुरू करने से पहले अपनी मिट्टी का परीक्षण ज़रूर करा लें।
  • ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले किसान इसका प्रशिक्षण लेकर शुरुआत करें तो चुनौतियों को काफी कम किया जा सकता है। 
  • ऑर्गेनिक खेती की हर एक एक्टिविटी का रिकॉर्ड बनाकर रखें, जिससे हर जरूरत को समझा जा सकता है। 
  • इसके लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों से राय ज़रूर ले लें।

(2)  सही फसल का चुनाव करें

किसान भाइयों, जैसा कि आप सभी जानते हैं, एक व्यापारी जब अपना व्यवसाय शुरू करता है, तो व्यवसाय शुरू करने से पहले वह काफी सोच-विचार कर व्यापार में कदम रखता है। तो आप क्यों नहीं कर सकते?

101+ बिजनेस आइडिया

इसी तरह आपको भी बाजार की डिमांड के अनुसार फसल चुनने की आवश्यकता है। जिससे फसल का उचित भाव मिल सके। आप ऐसे ही फसल का चुनाव करें, जिसमें आपको अनुभव हो और फसल बाजार में हाथों-हाथ बिक जाए।

(3) खेती के साथ पशुपालन को बढ़ावा दें 

किसान भाइयों, पशुपालन का व्यवसाय खेती के साथ-साथ सदियों से चला आ रही है। प्राचीन समय में खेती बिना पशुओं की सहायता से संभव नहीं था। 

पशुपालन करने से खेतों को जैविक खाद, गोमूत्र, जीवामृत इत्यादि मिलती है। अगर किसान एक देसी गाय का पालन करता है तो उसे पूरे साल बाजार से खाद खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। 

एक गाय के गोबर और गोमूत्र से कई प्रकार खादें और कीटनाशक बनाकर 30 एकड़ में जैविक खेती आसानी से कर सकते हैं। 

जैविक खेती (jaivik kheti) के लिए पशुपालन करना आज की पहली आवश्यकता है। इससे किसानों को जैविक उत्पाद के अलावा पशुपालन से भी अच्छी आमदनी हो सकता है। 

(4) सरकार की परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) की मदद लें

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में जैविक खेती के विकास के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) की शुरुआत की गई है। 

परंपरागत कृषि विकास योजना (paramparagat krishi vikas yojana) के तहत तीन साल के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता दी जाती है। जैविक खेती शुरू करने के लिए आप भी पीकेवीवाई योजना का लाभ ले सकते हैं। 

जैविक खेती के लिए टिप्स

क्या करें

क्या ना करें

  • जैव उर्वरकों का उपयोग करें।
  • मिट्टी के पोषण का ख़याल रखें।
  • कम्पोस्ट व गोबर के खाद को प्राथमिकता दें। 
  • फसल चक्र को अपनाएं।
  • हरी खाद पर जोर दें।
  • रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल ना करें
  • कीटनाशकों के उपयोग से बचें।
  • लगातार एक ही फसल ना लें।
  • खेतों की मिट्टी को दबाव (compaction) से बचाएं।
 

जैविक खेती में लागत और आमदनी

शुरूआती दिनों में जैविक खेती में लागत अधिक और मुनाफा में कम हो सकता है, लेकिन 2-3 वर्षों के बाद इसमें लागत कम और मुनाफा अधिक होता है। धीरे-धीरे इसमें लागत भी जीरो हो जाती है। यही कारण है कि इसे जीरो बजट फार्मिंग (zero budget farming) भी कहते हैं। 

जैविक उत्पाद की मार्केटिंग कहां करें?

जैविक खेती में किसानों के पास मार्केटिंग की भी समस्या होती है। लेकिन अब किसानों को जैविक उत्पाद बेचने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए सरकार ने जैविक पोर्टल लॉन्च की है। 

यह पोर्टल किसानों को अपनी जैविक उपज बेचने और जैविक खेती एवं इसके लाभों को बढ़ावा देने के लिए वन स्टॉप सलूशन है। 

इसके अलावा घरेलू जैविक बाजार को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक विकेन्द्रीकृत जैविक कृषि प्रमाणन प्रणाली “भारत की सहभागिता प्रतिभूति प्रणाली” (पीजीएस-इंडिया) लागू की गई है। 

पीजीएस-इंडिया परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) की अहम हिस्सा है, जो जैविक उत्पाद की स्वदेशी मांग को सहायता पहुंचाती है। इससे जैविक उत्पाद का मूल्य रासायनिक उत्पाद से अधिक मिलता है। 

संक्षेप में कहें तो जैविक खेती (jaivik kheti) किसान और पर्यावरण दोनों के लिए लाभ का सौदा है। इससे किसानों को काम लागत में उच्च गुणवत्ता के फसल प्राप्त हो सकती है। 

यदि आप ऐसी ही और जानकारी चाहते हैं, तो हमारे अन्य लेख ज़रूर पढ़ें। साथ ही लेख को शेयर करना न भूलें। 

Related Articles

Back to top button