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समेकित कृषि प्रणाली क्या है? यहां जानें | Integrated farming in hindi

समेकित कृषि प्रणाली खेती की आधुनिक तकनीक है। इस तकनीक में खेती के साथ-साथ बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाता है।

Integrated farming in hindi: समेकित कृषि प्रणाली खेती की आधुनिक तकनीक है। इस तकनीक में खेती के साथ-साथ बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाता है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में काफी मदद मिलती है। 
 
आसान भाषा कहें तो समेकित कृषि (Integrated farming) में खेती के सभी घटकों को शामिल किया जाता है। जिससे किसानों को सालभर आमदनी होती रहती है। 
 
तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में समेकित कृषि प्रणाली क्या है?(what is integrated farming) आसान भाषा में जानें। 
 

समेकित खेती प्रणाली (Integrated farming system in hindi) 

इस तकनीक में किसान अपने मुख्य फसल के साथ-साथ मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम, सब्जी-फल, मशरूम की खेती को एक साथ एक ही जमीन पर करते हैं। इसमें एक घटक दूसरे घटक के उपयोग में लाया जाता है।  जिससे किसान अपने एक फसल पर निर्भरता कम कर अथवा उसके घाटे की संभावनाओं को भी कम कर सकते हैं।
 
लगातार बढ़ती जनसंख्या और कम होती प्राकृतिक संसाधनों के कारण किसानों को भी अपने तरीके और तकनीक दोनों में बदलाव करने की आवश्यकता है। इस समेकित कृषि को (आईएफएस) मॉडल के नाम से भी जाना जाता है। इसे अंग्रेजी में इंटेग्रेटेड फार्मिंग (integrated farming) के नाम से जाना जाता है।
 

समेकित कृषि प्रणाली क्या है

आइए समेकित खेती को एक उदाहरण से समझते हैं। 
 
एक किसान जिसके पास 10 एकड़ जमीन है और वह सालों से पारंपरिक खेती करता आ रहा है। लेकिन अभी तक उसके खेत में धान और गेहूं की खेती होती आ रही है। जिससे उसे अभी तक साल में 3-5 लाख की आमदनी होती है। 
 
लेकिन वह पारंपरिक खेती को छोड़कर 1 एकड़ में बागवानी, 1 एकड़ में मछली पालन, 1 एकड़ में मुर्गी पालन, 1 एकड़ में बकरी पालन, 1 एकड़ में गाय पालन बाकी खेत में अन्य दूसरे मधुमक्खी और धान-गेहू जैसे पारंपरिक खेती करता है। तो उसे अब 10 एकड़ जमीन पर 25-30 लाख वार्षिक आमदनी हो सकती है, जो पारंपरिक खेती से 5 गुना ज्यादा है। 
 
समेकित खेती की खास बात है कि इससे किसानों को सालभर आमदनी होती रहती है और सभी खेती एक दूसरे के पूरक भी हैं। पारंपरिक खेती से उसे पशुपालन के लिए चारा तो पशुपालन से दूध और मुर्गी पालन और मछली पालन से एक दूसरे के लिए फीड आसानी मिल सकता है। 
 
समेकित कृषि के लिए कुछ प्राथमिक चीजों का होना जरूरी है, जितना अधिक खेती का विस्तार होगा ये इतने ही लाभ की संभावनाएं बढ़ाती हैं। अतः हम उतनी ज्यादा चीजों को अपने खेती के अंदर सम्मिलित कर पाएंगे।
 
समेकित खेती (Integrated farming) के लिए पानी की उपलब्धता होना आवश्यक है। खेत की जमीन में ही पानी के लिए एक तालाब खोदें, ताकि उससे उनको 3 लाभ हो सके।
  1. सिंचाई
  2. मछली पालन
  3. पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता
 
उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति ने केवल एक फसल के उत्पादन का फैसला किया, तो जरूरी नहीं कि क्षेत्र में मौसम हमेशा उसके अनुरूप रहे, अत्यधिक बारिश, आंधी या ओलावृष्टि किसी भी फसल को खराब कर सकती है।
 
ऐसे में किसान भाइयों को समेकित कृषि प्रणाली (Integrated farming system) पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसके अन्तर्गत एक से अधिक फसलों और उत्पादों का संग्रह घाटे को कम करके अधिक मुनाफा देता है। 
 

समेकित खेती से है दुगुना मुनाफ़ा, जानिए कैसे

तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे समेकित कृषि से किस प्रकार कम लागत में अधिक पैदावार की का सकती है।
  • इसके एक अच्छे आदर्श मॉडल में पानी की पर्याप्त मात्रा का होना जरूरी है, इसके लिए आप पानी का स्रोत बना सकते है। खेत के बीच में या अन्य जगह अपनी जरूरत के हिसाब से एक छोटा तालाब बना सकते है।
  • तालाब के चारों तरफ लताओं वाले पौधे लगा सकते है जिनसे उनकी पानी की आवश्यकता पूरी की जा सके। अमरूद, लीची, आम, सब्जियां आदि के पेड़ जगह के हिसाब से लगाए जा सकते है।
  • खेत के ही पास में गौशाला बनाई का सकती है जिसमें गाय-भैंस, बकरी का पालन कर सकते हैं। फॉर्महाउस में मुर्गियों के साथ-साथ बत्तखों का उत्पादन होता रहेगा। 
  • अब आप समझिए किस तरह ये सभी एक दूसरे के पूरक हो जाते है, आप सब्जियां उगाएंगे, या फल उगाएंगे तो उसमे के अवशेष जैसे कि गिरे हुए पत्ते, खराब सब्जियां, खर-पतवार आदि गाय बकरियों का चारा बनेगी, गाय के गोबर से जमीन को और उपजाऊ बनाया जा सकता है।
  • मुर्गी पालन से मीट के साथ साथ अंडो की भी प्राप्ति होती है। मछलियों के लिए चारे का इंतेजाम भी इसी मॉडल से हो जाता है। बत्तख और मछलियों को अपना आहार बनाता है और मछलियां जलीय जंतुओं को, जिससे कि सामंजस्य बना रहता है और जल शुद्ध रहता है।
  • मछलियां आपको मांस के साथ मछली के बीज भी उपलब्ध कराती हैं जिससे आपको दोगुना मुनाफा होता है। इस तरह आपको लाखों का मुनाफ़ा होता है।
 

समेकित कृषि के लाभ (Benefits of Integrated Agriculture)

  • किसानी में एक समस्या हमेशा से रही है कि उसमे लाभ की कोई गारंटी नहीं रहती है। कब मौसम का रुख बदले और फसल खराब हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है।
  • ऐसे में किसानों को फसल नहीं बल्कि तरीका बदलने कि जरूरत है। जिसमें फसलों को खेती के साथ कुछ और घटकों को शामिल किया जाए जिससे कि घाटा होने पर भी दूसरे उत्पादों द्वारा उसके भरपाई की जा सके।
  • गेंहू की फसल को अलग मौसम की जरूरत होती है, जबकि धान की फसल को दूसरी। अगर इनके मौसम में बदलाव आया तो इसमें बहुत नुकसान होता है, यदि इसके साथ कुछ दूसरे उत्पादों का सहारा लेकर इसमें हुए घाटे को कम किया जा सकता है।
 

समेकित कृषि के फायदे (Benefits of Integrated Agriculture in hindi)

  • समेकित कृषि प्रणाली से हम पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर बहुत हद तक काबू पा सकते है।
  • समय और क्षेत्र की मांग को जानकर अधिक लाभ कमा सकते है और आधुनिक तकनीक के द्वारा उर्वरकों और चारे के अत्यधिक खर्चे को भी कम कर सकते है। जिससे हमारी लागत कम और मुनाफा अधिक होगा।
  • समेकित खेती से आय 2 से 4 लाख प्रति महीने की का सकती है और सबसे बड़ी बात कि समेकित कृषि हमें आश्वस्त करती है उन खर्चों और भविष्य के नुकसान से भी। क्यूंकि हम पहले से ही उनसे निपटने का इंतेजाम कर लेते है।
  • समेकित कृषि एक किसान को समृद्धि देने के साथ इस काबिल बनाता है कि वो दूसरों को भी रोजगार दे सके। अब सोचिए अगर कोई व्यक्ति इतने बड़े पैमाने पर समेकित खेती कर रहा है, तो उसको बड़े स्तर पर काम भी करना पड़ेगा या फिर करवाना पड़ेगा। इसके लिए उसको जरूरत पड़ेगी लोगों की जिससे वह लोगों को अपने यहां काम पर रख सकता है।
  • समेकित खेती में बहुत काम होते हैं। जैसे- मुर्गी पालन, बकरी पालन, सब्जियों का देखभाल आदि का काम, उनको बाजार तक पहुंचना आदि काम को आप लोगों में बांट सकता है। व्यापार बढ़ता है तो काम भी बढ़ता है, और इतना काम अकेले व्यक्ति के लिए करना संभव नहीं है, फसलों की कटाई, जुताई, पौधारोपण, आदि काम के लिए दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं।
 
संक्षेप में कहें तो समेकित कृषि (Integrated farming) करना किसानों के लिए बहुत लाभकारी है। इस विधि से कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसमें आय के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ते है।

ये तो थी, समेकित कृषि (Integrated farming in hindi) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इस लेख को शेयर करें।

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