बछड़ों की देखभाल कैसे करें? यहां जानें | How to take care of calf in hindi
आइए, द रूरल इंडिया के पशुपालन ब्लॉग में बछड़ों की देखभाल कैसे करें (how to take care of a calf in hindi), जानें
How to take care of calf in hindi: किसान साथियों, पशुपालन हमारे देश में सदियों से चली आ रही है। किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है। पशुपालन के दौरान हमें कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। पशुपालन में बछड़ों का पालन (calf rearing) हमें उसी प्रकार करना चाहिए जैसे हम अपने बच्चों का ध्यान रखते हैं। क्योंकि बछड़े ही आगे चलकर हमे खूब मुनाफा देते हैं।
तो आइए, द रूरल इंडिया के पशुपालन ब्लॉग में बछड़ों की देखभाल कैसे करें (how to take care of a calf in hindi), जानें
जन्म के बाद बछड़ों की साफ सफाई और खीस पिलाना
- जन्म के बाद बछड़े के मुंह-नाक आदि की सफाई करें।
- सफाई के बाद बछड़े की मां को उसे चाटने दें।
- पशु के चाटने से बछड़े में रक्त संचार जल्द होता है।
- बछड़े को उसके शरीर भार का 10वां हिस्सा खीस पिलाएं
- खीस से बछड़े में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
रोगों से बचाव के लिए ध्यान देने योग्य बातें
- नाभि पर टिंचर आयोडीन या हल्दी पाउडर लगाएं।
- बच्चे को जन्म के सातवें दिन पेट के कीड़े की दवा दें।
- जूं-किलनी आदि होने पर दवा लगाएं।
- बच्चे और फर्श आदि की सफाई करें।
- थन को लाल दवा के घोल से करके ही दूध पिलाएं।
बछड़े की नाभि सड़ना
- यह समस्या हाल ही में पैदा हुए बछड़े को आती है।
- नाभि में मवाद पड़ जाता है और बछड़ा सुस्त हो जाता है।
- नाभि गीली, चिपचिपी, सूजन बढ़ने पर सख्त,गर्म हो जाती है।
- बछड़े दूध नहीं पीता,लेटा रहता,तेज बुखार हो जाता है।
- सांस जल्दी जल्दी लेता है,नाभि में तेज दर्द होता है।
बचाव
- पैदा होने का स्थान और रहने का स्थान साफ सुथरा रखें
- नाभि को साफ करके टिंचर आयोडीन या बीटाडिन लगाएं
- नाभि के बिल्कुल सूखने तक दवा लगाएं।
संक्षेप में कहें तो नवजात एवं छोटे बछड़ो की देखभाल एवं प्रबन्धन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे उनकी मृत्यु दर कम हो जाती है, साथ ही बीमारी से बचाव होता है। इससे पशुपालन में कम लागत और ज्यादा मुनाफा होता है। बछड़े का नियमित निरीक्षण करें, उन्हें ठीक तरह से खिलाएं और उनके रहने की जगह और परिवेश को स्वच्छ रखें।