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धान में कल्ले बढ़ाने की दवा | how to increase rice production

धान की रोपाई के बाद किसानों का ध्यान धान के कल्ले बढ़ाने पर होता है। जिससे धान की पैदावार अधिक से अधिक मिल सके।

धान में कल्ले बढ़ाने की दवा: धान की रोपाई के बाद किसानों का ध्यान धान के कल्ले बढ़ाने पर होता है। जिससे धान की पैदावार अधिक से अधिक मिल सके। इसके लिए किसान धान की निराई-गुड़ाई से लेकर दवा, खाद और उर्वरकों का उपयोग भी करते हैं। फिर भी किसानों को अधिक उपज नहीं मिल पाता है।

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस लेख में धान की पैदावार बढ़ाने के महत्वपूर्ण उपाय एवं धान में कल्ले बढ़ाने की दवा (how to increase paddy production in hindi) को जानते हैं।

  • धान की रोपाई करते समय प्रति एकड़ खेत में 100 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट, 50 किलोग्राम पोटाश, 50 किलोग्राम डीएपी, 25 किलोग्राम यूरिया, 10 किलोग्राम कार्बोफुरान का इस्तेमाल करें।
  • धान रोपाई के बाद खेत में दो सप्ताह तक अच्छी तरह पानी रहने दें, जिससे खरपतवार का जमाव नहीं होता है।
  • धान की रोपाई के 15 से 20 दिन उपरान्त एक एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया, 3 किलोग्राम सल्फर, 8 किलोग्राम बायो जायम डालें। 
  • धान की फसल में रोग, कीट और खरपतवार पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे समय अनुसार नियंत्रण किया जा सके। 
  • धान में खैरा रोग के नियंत्रण के लिए 2 किलोग्राम जिंक सल्फेट और 1 किलोग्राम बुझा चूना या 2 किलो यूरिया को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • धान में खरपतवार नियंत्रण के लिए 80 ग्राम नॉमिनी गोल्ड को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ स्प्रे करें। 
  • धान में दीमक कीट के नियंत्रण के लिए 1 एकड़ खेत में 1 लीटर क्लोरपायरीफॉस 20% ई.सी.को 25 किलोग्राम रेत में मिलाकर डालें। नमी के लिए हल्की सिंचाई जरूर करें। 
  • धान रोपाई 35 से 40 दिन बाद एक एकड़ खेत में 1 से 2 किलोग्राम NPK 20 :20 :20 स्प्रे करें। 
  • धान रोपाई के 45 से 50 दिन बाद एक एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया, 5 किलोग्राम जायम, 8 किलोग्राम जिंक का इस्तेमाल करें।

ऐसे ही खेती-किसानी की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए द रूरल इंडिया से जुड़े रहें।

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