intensive farming: खेती में गहन विधि क्या है? यहां जानें
कम जमीन में अधिक फसल लगाना सघन खेती (intensive farming) कहलाता है। इस विधि में एक साथ कई फसलें उगाई जाती है, जिससे कम समय अच्छी उपज मिल सकें।

intensive farming: भारत में जनसंख्या दबाव दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। जनसंख्या के अनुपात में खेत धीरे-धीरे काफी कम पड़ रहे हैं। ऐसे में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि कृषि वैज्ञानिक भी खेती के लिए नए-नए तकनीक खोज रहे हैं। जिससे किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा हो सके।
खेती से ज्यादा उत्पादन हो इसके लिए गहन विधि से खेती (intensive farming) एक तकनीक है। इस तकनीक को सघन खेती भी कहते हैं। हालांकि यह पद्धति भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है।
तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में गहन विधि से खेती (intensive farming) के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गहन विधि से खेती पर एक नज़र
- कम जमीन में अधिक फसल लगाना सघन खेती (intensive farming) कहलाता है।
- गहन विधि में क्यारियां बनाकर फसलें उगाई जाती हैं, जिससे कम समय में ही अच्छी पैदावार मिल जाती है।
- सघन विधि अपनाने से फसल में खरपतवार की संभावना कम रहती है।
गहन विधि खेती के लाभ
- इस विधि में ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती, सिर्फ मिट्टी में नमी बनाए रखना होता है।
- कम संसाधनों वाली इस खेती में पौधों का साइज और मात्रा कम होती है, जिससे निराई-गुड़ाई के साथ छिड़काव भी आसानी से हो जाता है।
- उचित मात्रा में पानी और खाद-उर्वरक का इस्तेमाल करने से फसल की क्वालिटी व अच्छा उत्पादन मिलता है।
गहन विधि खेती में ध्यान रखने योग्य बातें
- सघन विधि में पौधों की कटाई-छंटाई करते रहना जरूरी है, ताकि फसल का आकार न बढ़े और फसल की निगरानी भी होती रहे।
- फल के बागों में खाली स्थान पर सब्जी, दाल, मसाले और औषधीय फसलों की खेती कर सकते हैं।
- सघन खेती के लिये पशुओं की मदद से या हल से खेत की जुताई करते हैं।
ये तो थी, सघन खेती की जानकारी (intensive farming in hindi)। लेकिन द रूरल इंडिया वेबसाइट पर खेती-किसानी, कृषि मशीनरी, ग्रामीण विकास से संबंधित महत्वपूर्ण ब्लॉग पढ़ सकते हैं।