Hindi Diwas 2023: क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? जानिए, इसका इतिहास और महत्व
हिंदी सिर्फ एक आम बोलचाल की भाषा ही नहीं, बल्कि यह राजभाषा है, जिसके सम्मान में हम हर साल 14 सितंबर को ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ मनाते हैं।

Hindi Diwas 2023: भारत में हिंदी सिर्फ एक आम बोलचाल की भाषा ही नहीं, बल्कि यहां की राजभाषा भी है, जिसके सम्मान में हम हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ मनाते हैं।
अब हिंदी दिवस के बारे में जानने से पहले हमें यह समझना होगा, कि आखिर क्यों हमें हिंदी के लिए किसी एक दिन को चुनना पड़ा? तो आज हम द रूरल इंडिया आपको इस लेख के माध्यम से राष्ट्रीय हिंदी दिवस (Hindi Diwas) से जुड़ी सभी रोचक जानकारियां दे रहे हैं।
हिंदी दिवस का इतिहास (history of hindi diwas)
भारत की आज़ादी के दो साल बाद 1949 में हिंदी को भाषा के रूप में मान्यता दी गई और देवनागरी लिपि में लिखी गई एक इंडो-आर्यन भाषा को, नवगठित राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया। देश को मिली आज़ादी के बाद, अब संविधान में नियमों और कानून के अलावा नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का मुद्दा भी अहम था। तब 14 सितंबर 1949 को, संविधान सभा ने एक मत होकर हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने का फैसला लिया। कुछ साल बाद, जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए, हर साल भारत में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया और साल 1953 में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया।
14 सितंबर को ही क्यों होता है हिंदी दिवस (Why is Hindi Diwas only on 14th September?)
हिंदी दिवस को लेकर ऐसा कहा गया है, कि 14 सितम्बर 1949 को हिंदी भाषा के पुरोधा कहे जाने वाले व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50वां जन्मदिन था, जिन्होंने इसको राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया था।
ऐसा कहा गया है, कि भारत विविधताओं का देश है और यही वजह है, कि यहां कई सारी भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं, मगर इन सब में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है।
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य (purpose of celebrating hindi day)
हिंदी दिवस मनाने का एक उद्देश्य यह भी है, कि हम हमारे समाज से गुम हो रही हिंदी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। आज़ादी से पहले, भारत में सभी सरकारी कामकाज अंग्रेजी भाषा में हुआ करते थे। हालांकि, देश की आज़ादी के बाद लोगों के बीच हिंदी भाषा को लगातार बढ़ावा दिया गया। लेकिन 14 सितंबर के दिन देश के नागरिकों को यह समझाने का प्रयास किया जाता है, कि जब तक वह हिंदी को पूरी तरह से नहीं अपनाएंगे, तब तक इस भाषा का विकास होना संभव नहीं है।
इन देशों में भी बोली जाती है हिंदी (Hindi spoken countries)
हिंदी को हमेशा भारत से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के अलावा भी कई देशों में हिंदी बोली और समझी जाती है। इनमें फिजी, मॉरीशस, फिलीपींस, अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूगांडा, सिंगापुर, नेपाल, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं।
हिंदी भाषा के बारे में एक रोचक जानकारी यह भी मिलती है, कि आज हम जो हिंदी लिखते हैं, इसकी शुरुआत 1900 ईसवी में हुई थी। वहीं, खड़ी बोली यानी हिंदी में लिखी गई पहली कहानी इंदुमती थी। इसे किशोरीलाल गोस्वामी ने लिखा था और इसकी हिंदी भाषा काफ़ी हद तक वैसी ही है, जैसी आज लिखी और बोली जाती है।
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