ग्रामसभा और ग्राम पंचायत में क्या अंतर है? यहां जानें
भारत में गांव स्तर पर लोकतंत्र स्थापित है। जिसे स्थानीय शासन या गांव की सरकार कहते हैं। जिसका मुखिया सरपंच यानि ग्राम प्रधान होता है।

gram sabha kya hai: भारत गांवों का देश हैं। हमारे देश में करीब साढ़े छह लाख से अधिक गांव है। भारत एक ऐसा देश है जहां गांव स्तर भी लोकतंत्र स्थापित है। जिसे स्थानीय शासन या गांव की सरकार कहते हैं।
स्थानीय शासन में ग्राम सभा (gram sabha) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अधिकांश ग्रामीणों का यही सवाल रहता है कि ग्राम सभा क्या है? और ग्राम सभा में ग्रामवासियों की क्या भूमिका है।
तो आइए द रूरल इंडिया के इस लेख में ग्राम सभा को विस्तार से समझते हैं। इस लेख में हम यह भी जानेंगे कि ग्राम सभा की बैठक गांव के विकास के लिए क्यों जरूरी है। यहां हम ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के अंतर को समझेंगे।
सबसे पहले ग्राम सभा क्या है (gram sabha kya hai), इसे जान लेते हैं।
ग्राम सभा (gram sabha)
ग्राम सभा गांव की आम सभा होती है। गांव का प्रत्येक मतदाता ग्राम सभा के सदस्य होते हैं। जिन्हें ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को चुनने का पूरा अधिकार होते हैं।
आसान शब्दों में कहें तो ग्राम सभा गांव के लोगों ही शामिल होते हैं। जो अपने गांव के सरपंच (ग्राम प्रधान) से लेकर पंचायत के सभी प्रतिनिधियों को चुनते हैं।
आपको बता दें, पंचायती राज व्यवस्था में गांव के लोगों को ही गांव स्तर पर सरकार चुनने का अधिकार दिया गया है।
अब आपके मन में यही सवाल होगा कि ग्राम पंचायत ग्राम सभा से अलग कैसे है।
तो यहां ग्राम सभा और ग्राम पंचायत में अंतर (gram sabha or gram panchayat me antar) को समझ लेते हैं।
इससे पहले ग्राम पंचायत क्या है (gram panchayat kya hai), इसे जान लेते हैं।
ग्राम पंचायत (gram panchayat)
ग्राम पंचायत निर्वाचित पंचायत सदस्य शामिल होते हैं। ग्राम पंचायत के मुखिया को सरपंच कहते हैं। सरपंच (ग्राम प्रधान) ही ग्राम पंचायत और ग्राम सभा का प्रमुख होता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो ग्राम पंचायत गांव की सरकार है। जिनका काम गांव का विकास करना होता है।
ग्राम सभा और ग्राम पंचायत में अंतर (gram sabha or gram panchayat me antar)
ग्राम सभा में ग्रामीणों की भूमिका (Role of Villagers in Gram Sabha)
किसी भी गांव के विकास में वहां के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। लोकतंत्र की यही विशेषता है कि हम सरकार हम खुद चुनते हैं। हम अपने योग्य सरपंच और ग्राम प्रधान चुनने का पूरा मौका होता है।
अतः हम सभी ग्रामीणों को योग्य प्रतिनिधियों का चुनाव करना चाहिए, जिससे हमारा गांव का समुचित विकास हो सके। ग्राम सभा की बैठक प्रत्येक माह होती है।
ग्राम सभा की बैठक में जरूर शामिल होना चाहिए। जिससे गांव में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी हो सके।
ग्राम सभा और ग्राम पंचायत में संबंध (Relationship between Gram Sabha and Gram Panchayat)
ग्रामसभा और ग्राम पंचायत में तमाम अंतर होने के बावजूद पंचायती राज प्रणाली में ग्रामसभा और ग्राम पंचायत में अटूट संबंध हैं। दोनों संस्थाएं एक सिक्के के दो पहलू की तरह काम करती है।
एक ओर जहां ग्रामसभा की निगरानी की भूमिका होती है तो वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत कार्यपालिका की भूमिका होती है। गांव के विकास में दोनों संस्थाओं का महत्वपूर्ण भूमिका है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न- ग्राम सभा का क्या कार्य है?
उत्तर- ग्राम सभा का ग्राम पंचायत के लिए कार्य योजना बनाना होता है। इसके साथ-साथ गांव में हो रही विकास कार्यों की निगरानी करती है।
प्रश्न- ग्राम सभा में कितने सदस्य होते हैं?
उत्तर- 18 वर्ष से अधिक हो चुके ग्रामवासी ग्राम सभा के सदस्य होते हैं। 18 वर्ष पूरा होते ही सभी ग्रामवासियों का ग्राम पंचायत के सदस्यों और सरपंच (ग्राम प्रधान( के निर्वाचन का अधिकार प्राप्त हो जाता है।
प्रश्न- ग्राम सभा और ग्राम संसद क्या है?
उत्तर- ग्रामसभा ग्राम में 18 वर्ष पूर्ण कर चुके लोग होते हैं जबकि ग्रामसभा के सदस्यों की आम सभा को ग्राम संसद कहते हैं। ग्राम संसद में ग्रामवासी अपने ग्राम पंचायत के विकास के लिए योजना और निगरानी का काम करते हैं।
प्रश्न- ग्राम सभा का गठन कैसे होता है?
उत्तर- ग्राम सभा किसी भी राजस्व गांव की एक मूल संस्था है। इसका गठन गांव के ही 18 वर्ष पूर्ण कर चुके मतदातों से होता है।
प्रश्न- ग्राम पंचायत और ग्राम सभा में क्या अंतर है?
उत्तर- ग्राम पंचायत गांव के निर्वाचित सदस्य होते हैं जबकि ग्राम सभा के सदस्य गांव के 18 वर्ष पूरे कर चुके मतदाता होते हैं।
प्रश्न- ग्राम पंचायत के मुखिया को क्या कहते हैं?
उत्तर- ग्राम पंचायत के मुखिया को सरपंच कहते हैं। यह नाम विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हो सकता है। जैसे- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ग्राम पंचायत के मुखिया को ग्राम प्रधान कहते हैं।
प्रश्न- ग्राम सभा की बैठक बुलाने के लिए कौन जिम्मेदार है?
उत्तर- ग्राम सभा की बैठक की अध्यक्षता ग्राम पंचायत की मुखिया करते हैं। लेकिन ग्राम सभा की बैठक बुलाने की जिम्मेदार पंचायत सचिव होता है।