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ऐसे करें दुधारू भैंस की पहचान | dudharu bhains ki pahchan

अगर आप भी एक दुधारू भैंस खरीदना चाहते हैं, तो आप भैंस खरीदते समय कुछ खास तरीकों से दुधारू भैंस की पहचान कर सकते हैं।

dudharu bhains ki pahchan: डेयरी फार्मिंग में भैंसों का महत्वपूर्ण स्थान है। विश्व में सबसे अधिक भैंसों की संख्या हमारे देश में पाई जाती है। गाय की दूध की तुलना में भैंस के दूध के दूध से पशुपालकों को अधिक कमाई होती है। यही कारण है कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी भैंस पालन से जुड़ी हुई है। लेकिन भैंस पालकों को दुधारू भैंस की पहचान (dudharu bhains ki pahchan) करने में बड़ी चुनौती होती है क्योंकि दुधारू भैंस ही पशुपालक को अधिक मुनाफा दे सकती है। 

 

अगर आप भी एक दुधारू भैंस खरीदना चाहते हैं, तो आप भैंस खरीदते समय कुछ खास तरीकों से दुधारू भैंस की पहचान (dudharu bhains ki pahchan) कर सकते हैं।

 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में जानें- दुधारू भैंस की पहचान कैसे करें?

 

पशुपालक दुधारू भैंस की नस्ल या दुधारू पशु खोजते रहते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अगर पशु की दूध देने की क्षमता अच्छी नहीं हुई तो पशुपालक को कमाई जीविकोपार्जन में समस्या आ सकती है। 

 

ऐसे करें दुधारू भैंस की पहचान (dudharu bhains ki pahchan)

  • दुधारू पशु के शरीर की बनावट पीछे की तरह से चौड़ी और आगे की तरफ से पतली होती है। इस पशु को सामने से देखने पर आपको यह तिकोनी दिखाई दे रही है, तो आप समझिए कि भैंस दुधारू नस्ल की है। 
  • दुधारू भैंस की चमड़ी चिकनी और अधिक चमकदार होती है। इनकी आंखें चमकीली होती हैं और इनकी आंखों पर बेहद कम ही बाल देखने को मिलते हैं। 
  • दुधारू भैंस की नस्ल में मुर्रा को सबसे अधिक बेहतर माना जाता है। इस भैंस की नस्ल न केवल अधिक दूध देती है। बल्कि इसके दूध में फैट और प्रोटीन भी अधिक पाया जाता है। 
  • अधिक दूध देने वाली भैंस के थन थोड़े टेड़े हो सकते हैं और इनके थनों पर सफेद रंग की झलक( शिरा) दिखाई देती है।
  • अगर आप एक अधिक दूध देने वाली भैंस की नस्ल खरीद रहे हैं तो ध्यान रहे कि उसकी दूसरी या तीसरी ब्यात हो। ऐसा इसलिए क्योंकि अच्छी नस्ल की भैंस अपने दूसरे और तीसरे ब्यात में सबसे अधिक दूध देती है। 
  • ज्यादा दूध देने वाली भैंस की नस्ल के सभी थन एक समान होते और एक ही दूरी पर होता है। 
  • एक अच्छी नस्ल का भैंस लगभग दूसरी ब्यात से लेकर सातवीं ब्यात तक सबसे अधिक दूध देता है। 
  • दुधारू भैंस खरीदते समय अगर आपको ऐसी भैंस मिल रही हो, जिसने मादा बच्चे को जन्म दिया हो, तो यह आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। इससे आपको भविष्य के लिए दूसरा दुधारू पशु मिल जाता है। 
  • किसी भी पशु को खरीदते समय कम से कम तीन बार उसका दूध दुहते हुए जरूर देखें। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार पशु बेचने वाला व्यक्ति दूध की क्षमता अधिक बताकर भी पशु बेच देता है। 
  • अगर पशु खरीद रहे हैं तो उनकी आयु का भी पता जरूर लगाएं। एक भैंस का जीवनकाल 20 से 22 साल तक का होता है। अतः कम उम्र की भैंस की खरीदें।  
  • भैंस की आयु का अंदाजा आप उनके दांतों और उनके सींग के जरिए लगा सकते हैं। अगर भैंस के आगे के सभी दांत सीधे हो और घीस चुके हों तो उसकी आयु अधिक है। वहीं भैंस के सींग उम्र के साथ अधिक गोल हो जाते हैं। आप इन चीजों को देखकर भैंस की नस्ल की पहचान कर सकते हैं। 
  • भैंस की सेहत को देखकर भी उसकी उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। अगर भैंस शारीरिक रूप से कमजोर दिखाई दे तो हो सकता है कि उसकी उम्र अधिक हो। इसके अलावा आप भैंस बेचने वाले से उसका पशु कार्ड भी मांग सकते हैं। 

 

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ये तो थी, दुधारू भैंस की पहचान कैसे करें? (dudharu bhains ki pahchan) की बात। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों के लिए भी फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करें।

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