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पशुओं के लिए जरूरी है डीवार्मिंग टैबलेट, जानें इसके फायदे

पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कुछ समय के अंतराल पर उन्हें कीड़े मारने की दवा (डीवार्मिंग टैबलेट) देनी चाहिए। 

Deworming Tablet: पशुओं के लिए जरूरी है डीवार्मिंग टैबलेट, जानें इसके फायदे

deworming tablets for animals: पशुओं के पेट में कीड़े होना किसी बड़ी समस्या से कम नहीं है। अक्सर पशु पालक इस समस्या को अनदेखा कर देते हैं। जिससे आगे चलकर पशुओं के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव होता है। 

पशुओं के पेट में कीड़े पड़ने के कारणों की तो मिट्टी खाने से, शुद्ध चारा या साफ पानी नहीं मिलने से भी पशुओं के पेट में कीड़े पड़ने लगते हैं। यह कीड़े पशुओं के द्वारा ग्रहण किए जाने वाले आहार का 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा खा लेते हैं। 

पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कुछ समय के अंतराल पर उन्हें कीड़े मारने की दवा (डीवार्मिंग टैबलेट) देनी चाहिए। 

डीवार्मिंग टैबलेट क्या है?

डीवार्मिंग टैबलेट एक परजीवी को मारने वाली दवा है। इसे पेट में मौजूद कीड़ों को मारने के लिए उपयोग किया जाता है। 

पशुओं के पेट में कीड़े पड़ने के लक्षण

  • पशुओं का सुस्त एवं कमजोर होना।
  • गोबर में काला खून एवं कीड़े नजर आना।
  • पशुओं के दूध उत्पादन में कमी होना।
  • शरीर में खून की कमी होना।
  • गर्भधारण में कठिनाई होना।
  • पशुओं का शारीरिक विकास कम होना एवं पेट बड़ा होना।

क्यों जरूरी है डीवॉर्मिंग?

रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी 

कीड़े पशुओं के शरीर से आवश्यक पोषक तत्वों को ग्रहण करते हैं। जिससे पशु कमजोर हो जाते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है।

एनीमिया की संभावना 

कई तरह के कीड़े पशुओं के शरीर का खून चूसते हैं। जिससे पशुओं के शरीर में खून की कमी हो जाती है, जो आगे चल कर एनीमिया का कारण बनता है।

डायरिया का खतरा 

डीवॉर्मिंग नहीं कराने से पशुओं को डायरिया होने का खतरा रहता है। कई बार यह समस्या इतनी बढ़ जाती है की पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है।

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प्रजनन क्षमता में कमी 

खराब स्वास्थ्य के कारण पशुओं के दूध उत्पादन में कमी आती है। इसके साथ ही पशुओं की प्रजनन क्षमता भी कम हो जाती है।

कृमिनाशक दवा (डीवार्मिंग टैबलेट) देने का सही समय

  • हर 3 महीने के अंतराल पर पशुओं को कृमिनाशक दवा (डीवार्मिंग टैबलेट) खिलाएं।
  • पेट में कीड़े होने के लक्षण नजर आने पर पशुओं के गोबर की जांच कराने के बाद ही कीड़े मारने की दवा दें।
  • संभव हो तो पशुओं को टीकाकरण से पहले कृमिनाशक दवा पिलाएं।
  • टीकाकरण के तुरंत बाद कृमिनाशक न पिलाएं। बेहतर परिणाम के लिए टीकाकरण के 15 दिनों बाद ही कीड़े मारने की दवा दें।

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