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Biofloc fish farming: बायोफ्लॉक विधि से मछली पालन कैसे करें, यहां जानें

आय में बढ़ाने के लिए मछली पालन एक बेहतर व्यवसाय है। बायोफ्लॉक तकनीक (biofloc fish farming) में द्वारा कम लागत में अच्छा मुनाफा मिलता है।

Biofloc fish farming in hindi: किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए मछली पालन (fish farming) एक बेहतर विकल्प है। लेकिन हम सभी जानते हैं कि मछली पालन (machhali palan) के लिए तालाब का होना बहुत जरुरी है। छोटे किसानों के पास तालाब के लिए बड़ी जगह नहीं होती है ऐसे में छोटे किसानों के लिए मछली पालन के व्यवसाय से जुड़ना एक बड़ी समस्या है। 

लेकिन बायोफ्लॉक विधि (biofloc method) से कम जगह में भी सफलतापूर्वक मछली पालन किया जा सकता है। बायोफ्लॉक तकनीक (biofloc fish farming) के द्वारा कम लागत में किसान एवं पशुपालक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस ब्लॉग में बायोफ्लॉक मछली पालन (biofloc fish farming) पर विस्तार जानें। 

बायोफ्लॉक तकनीक क्या है? (What is Biofloc technology?)

बायोफ्लॉक मछली पालन (biofloc fish farming) की एक नई तकनीक है, जिसमें कम जगह में भी मछलियों का पालन किया जाता है। इस विधि में टैंक में मछलियों का पालन किया जाता है। मछलियों से निकलने वाले मल एवं अतिरिक्त भोजन को प्रोटीन सेल में परिवर्तित किया जाता है। बाद में इसे मछलियों के चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

बायोफ्लॉक तकनीक से करें इन मछलियों का पालन 

इस तकनीक से पंगेसियस, तिलापिया, देशी मांगुर, सिंघी, कॉमन कार्प, पाब्दा, आदि किस्म की मछलियों का पालन किया जा सकता है।

बायोफ्लॉक तकनीक के लिए ज़रूरी उपकरण (Essential tools for Biofloc technology)

बायोफ्लॉक तकनीक (biofloc fish farming) से मछली पालन के लिए बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए। बिजली के अभाव में इस तकनीक से मछलियों का पालन संभव नहीं है। इसके अलावा आपको सीमेंट टैंक, तारपोलिन टैंक, एयरेशन सिस्टम, प्रोबायोटिक्स, मछली की बीज की भी आवश्यकता होती है।

बायोफ्लॉक तकनीक के फायदे (Advantages of Biofloc Technology)

  • तालाब के बिना भी मछलियों का पालन किया जा सकता है।
  • इस तकनीक से मत्स्य पालन में होने वाले लागत में कमी आती है।
  • पानी की बचत होती है।
  • सीमित जगह में मछलियों का पालन किया जा सकता है।
  • तालाब की तुलना में बायोफ्लॉक तकनीक श्रमिक की कम लागत होती है।
  • मछलियों के चोरी होने का खतरा नहीं रहता है।
  • बायोफ्लॉक तकनीक में कितनी लागत होती है?
  • यदि आप 10 हजार लीटर का टैंक लगाते हैं तो  इसमें आपको करीब 32,000 रुपए की लागत होती है। इस टैंक का प्रयोग 5 वर्षों तक किया जा सकता है।

बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन में लागत और मुनाफा (Cost and profit in fish farming with Biofloc technology)

  • बायोफ्लॉक तकनीक में लागत एवं मुनाफा टैंक के आकार पर निर्भर करता है।
  • बड़े टैंक में मछलियों की वृद्धि भी अच्छी तरह होती है।
  • अगर आप 10 हजार लीटर का टैंक लगाते हैं तो इसमें आपको करीब 32,000 रुपए की लागत होती है। इसमें टैंक और टैंक में लगने वाले उपकरण, आदि शामिल है।
  • इस टैंक का प्रयोग 5 वर्षों तक किया जा सकता है।
  • टैंक के आकार के साथ इसमें होने वाली लागत भी बढ़ती जाती है।
  • 10 हजार लीटर के टैंक में मछली पालन करने पर हर 6 महीने में करीब 25 हजार रुपए की लागत आती है।
  • 10 हजार लीटर के टैंक से हर 3 से 4 महीने में 5 से 6 क्विंटल बिक्री योग्य मछलियां प्राप्त होती हैं।
  • मंहगी मछलियों का पालन करने पर अधिक मुनाफा होता हो।

ये तो थी, बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन (biofloc fish farming) की जानकारी। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस वेबसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें। 

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