नैनो यूरिया क्या है? यहां जानें | Benefits of Nano Urea

What is nano urea in hindi: कृषि जगत में आजकल हर कोई नैनो यूरिया की बात कर रहा है। इफको ने इस साल किसानों के लिए दुनिया का पहला लिक्विड नैनो यूरिया (Liquid Nano Urea) पेश किया है। सुविधाजनक और किफायती होने की वजह से किसान इसे हाथों-हाथ ले रहे हैं।
गौरतलब है कि लॉन्चिंग के बाद से ही देशभर के किसान इसे खरीदने और उपयोग करने के लिए बेताब हैं।
आखिर क्या है? यह नैनो यूरिया, जिसकी मांग देशभर में है।
अभी तक यूरिया को ठोस के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। लेकिन नैनो यूरिया पूरी तरह से लिक्विड अर्थात तरल रूप में है। ठोस यूरिया बोरे में मिलता है, लेकिन नैनो यूरिया बोतल में उपलब्ध है। इस लिक्विड यूरिया को नैनो तकनीक द्वारा विकसित किया गया है।
इफको नैनो यूरिया तरल की प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए देशभर में 94 फसलोंं पर 11 हजार से ज्यादा एफएफटी टेस्ट किए गए थे, परिणामस्वरूप फसल की उपज में औसतन 8 प्रतिशत तक वृद्धि देखी गई। ऐसे में इसका प्रयोग फसल उत्पादकता को बढ़ाएगा।#IFFCO #IFFCONanoUrea #NanoUrea #Ecofriendly pic.twitter.com/H3C9vwFzfN
— IFFCO (@IFFCO_PR) June 10, 2021
इफको नैनो यूरिया फसलों को आवश्यक नाइट्रोजन प्रदान कर मिट्टी को अधिक उपजाऊ व फसल को गुणवत्तापूर्ण बनाने में सहायक है। इफको नैनो यूरिया तरल का प्रयोग पर्यावरण के अनुकूल, सस्ता व अधिक लाभ प्रदान करने वाला है।
इस स्वदेशी नैनोफर्टिलाइजर को दुनिया में पहली बार इफको-नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) कलोल, गुजरात में पेटेंटेड तकनीक के द्वारा तैयार किया गया है।
नैनो यूरिया है पर्यावरण के अनुरूप
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, आईसीएआर/राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के 20 से अधिक अनुसंधान केंद्रों पर 43 फसलों पर अनुसंधान ट्रायल किया गया है। अखिल भारतीय स्तर पर 11,000 से अधिक परीक्षण किसानों के खेतों पर कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों के सुपरविजन में करीब 90 फसलों पर लगाए गए।
अनुसंधान परिणामों में पाया गया है कि नैनो यूरिया (तरल) के प्रयोग द्वारा फसल उत्पादन बढ़ाने के साथ यूरिया की आवश्यकता को 50% तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा नैनो यूरिया (तरल) के प्रयोग से फसल उपज, बायोमास, मृदा स्वास्थ्य और पोषण गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
जैव सुरक्षा और विषाक्तता के लिए नैनो यूरिया (तरल) का परीक्षण भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के दिशा-निर्देशों और अंतरराष्ट्रीय ओईसीडी (OECD) निर्धारित मानकों के अनुरूप किया गया है। नैनो यूरिया (तरल) का प्रयोग अनुशंसित मात्रा में मानव, पशु, पक्षियों, मृदा व जड़ क्षेत्र के सूक्ष्म जीवों और पर्यावरण के लिए पूर्णतः सुरक्षित है।
इफको 50वीं आम बैठक में किया लॉन्च
इफको ने 25 मई को आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर कृषि के दिशा में कदम बढ़ाते हुए देश ही नहीं अपितु विश्व का पहला लिक्विड यूरिया लॉन्च किया। इस अवसर पर इफको के एमडी डॉ. यू.एस. अवस्थी ने अपने संबोधन में कहा कि इस यूरिया से मिट्टी की उर्वरा शक्ति और फसल की उत्पादकता को बढ़ाने में और अधिक मदद मिलेगी।
#इफको ने आज अपनी 50वीं वार्षिक आम सभा की बैठक में अपनी प्रतिनिधि महासभा के सदस्यों की उपस्थिति में दुनियाभर के किसानों के लिए विश्व का पहला नैनो यूरिया तरल प्रस्तुत किया।#IFFCO के एमडी @drusawasthi जी ने इसे किसानों के लिए बड़ी सौगात बताया।#IFFCONanoUrea #IFFCONano #NanoUrea pic.twitter.com/hzmwfDSsJZ
— IFFCO (@IFFCO_PR) May 31, 2021
नैनो यूरिया का दाम
इस स्वदेशी नैनोफर्टिलाइजर को बाजार में आधे लीटर में उपलब्ध कराया गया है। 500 ML की इस बोतल की कीमत मात्र 240 रुपए है।
लिक्विड यूरिया की विशेषताएं
- इफको नैनो यूरिया तरल भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने, मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग को कम करने, फसल को कीट व बीमारियों से बचाने के साथ ही उत्पाद की पोषण गुणवत्ता में बढ़ोतरी करने में सहायक है।
- नैनो यूरिया (तरल) प्रमुख पोषक तत्व नाइट्रोजन का स्रोत है जो कि पौधों में कार्बोहाइड्रेट एवं प्रोटीन के निर्माण तथा पौधे की संरचना एवं वानस्पतिक वृद्धि के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
- सामान्यतया, एक स्वस्थ पौधे में नाइट्रोजन की मात्रा 1.5 से 4% तक होती है। फसल विकास की प्रमुख अवस्थाओं में नैनो यूरिया (तरल) का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की आवश्यकता प्रभावी तरीके से पूरी होती है और साधारण यूरिया की तुलना में अधिक और उत्तम गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त होता है।
- नैनो यूरिया पौधों के पोषण के लिए प्रभावी और असरदार है। यह फसल को स्वस्थ व मजबूत बनाने के साथ ही पैदावार बढ़ाने में भी सहायक है।
- नैनो यूरिया तरल पोषित मिट्टी के लिए आवश्यक तत्वों की पूर्ति करने में सहायक है। यह मिट्टी की जैविक गुणवत्ता को सुधार उसे और अधिक उपजाऊ बनाता है।
- यह यूरिया बाजार में मिलने वाले महंगे यूरिया के मुकाबले सस्ता है। साथ ही यह अधिक फसल उत्पादन में सहायक है, जिससे किसानों को इससे उत्पादित फसल के अच्छे दाम मिल सकेंगे।
- यह यूरिया अवशेष मुक्त, सटीक और टिकाऊ कृषि में मददगार है।
- यह पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है जो कि न केवल आधुनिक कृषि की चुनौतियों को पूरा करता है बल्कि अप्रत्याशित लाभ भी प्रदान करता है।
नैनो यूरिया के लाभ (Benefits of Nano Urea)
- यूरिया की आवश्यकता को 50% या उससे भी अधिक, कम करता है।
- कम मात्रा में प्रयोग करने पर भी अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।
- पर्यावरण अनुकूल उत्पाद, मिट्टी, वायु और पानी के प्रदूषण को रोकने में सहायक है।
- पारंपरिक यूरिया की तुलना में किफायती और सस्ता है।
- किसानों को कृषि आदान की लागत में कमी कर, किसानों की आय बढ़ाने में सक्षम है।
- फसल उत्पादकता, मृदा स्वास्थ्य और उपज की पोषण गुणवत्ता में सुधार करता है।
इफको नैनो यूरिया अवशेष मुक्त, सटीक और टिकाऊ कृषि में मददगार है।
यह पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है जो कि न केवल आधुनिक कृषि की चुनौतियों को पूरा करता है बल्कि अप्रत्याशित लाभ भी प्रदान करता है।#IFFCO #IFFCONanoUrea #IFFCONano #NanoUrea #Sustainability #ecofriendly #Agriculture pic.twitter.com/1Sr8UwsEOu— IFFCO (@IFFCO_PR) June 1, 2021
ये तो थी, नैनो यूरिया (Nano urea) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।