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बासमती धान की टॉप 8 किस्में | Basmati dhan ki kheti

आज हम आपको बासमती धान की टॉप 8 वैरायटी के बारे में बता रहे हैं जिसकी खेती करके आप अच्छा पैदावार ले सकते हैं। 

Basmati dhan: बासमती धान की टॉप 8 किस्में, जो देती हैं ज्यादा पैदावार

Top 8 basmati paddy variety: हमारे देश की बासमती चावल (basmati rice) की मांग पूरे विश्व में है। हमारे देश में बासमती की कई किस्में हैं जिसकी खेती किसान करते हैं। आज हम आपको बासमती धान की टॉप 8 वैरायटी के बारे में बता रहे हैं जिसकी खेती करके आप अच्छा पैदावार ले सकते हैं। 

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस लेख में बासमती धान की टॉप 8 किस्मों (Top 8 Varieties of Basmati Paddy) को विस्तार से जानें। 

1. पूसा बासमती- 1121 (Pusa Basmati- 1121) 

बासमती धान की यह किस्म जल्दी पककर तैयार हो जाती है। इसे पककर तैयार होने में 140 से 145 दिन का समय लगता है। इसके तने अधिक लंबे और मजबूत होता है। यह अर्द्ध बौनी किस्म है। पौधे की ऊंचाई 110 से 120 सेंटीमीटर तक हो जाती है। औसतन पैदावार 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। इसकी खेती प्रमुख रुप से पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में की जाती है। 

2. पूसा बासमती- 1 (Pusa Basmati- 1) 

इस किस्म के दाने मध्यम लंबे एवं मजबूत होते हैं। यह भी अर्द्ध बौनी किस्म है। यह किस्म 145 से 155 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। पौधे की ऊंचाई 155 सेंटीमीटर तक होती है। औसतन पैदावार 39 से 42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। इसकी सबसे अधिक खेती हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में होती है। 

3. पूसा बासमती- 6 (Pusa Basmati- 6)

इस किस्म के दाने सुगंधित, एक समान होते हैं। मध्यम बौनी किस्म है। यह 135 से 145 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। पौधे की ऊंचाई 145 सेंटीमीटर तक होती है। औसतन पैदावार 42 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में मुख्य तौर पर की जाती है। 

4. पंजाब बासमती- 2 (Punjab Basmati- 2) 

इस किस्म के दाने अधिक लंबे नरम तथा पतले होते हैं। 140 दिन में पक कर तैयार होती है। पौधे की ऊंचाई 125 सेंटीमीटर तक होती है। यह कई मुख्य रोगों के प्रति सहनशील किस्म है। औसतन पैदावार 32 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। 

5. पूसा बासमती- 1509 (Pusa Basmati- 1509)

पूसा बासमती-1509 किसानों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय किस्म है। इस किस्म के दाने अधिक सुगंधित तथा सीधे लंबे होते हैं। 115 से 120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। पौधे की ऊंचाई 90 से 100 सेंटीमीटर तक हो जाती है। प्रत्येक पौधे में 22 से 24 कल्ले तक होते हैं। औसतन पैदावार 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु छत्तीसगढ़ तथा आंध्र प्रदेश में मुख्य तौर पर की जाती है। 

6. पूसा बासमती- 1637 (Pusa Basmati- 1637) 

इस किस्म के दाने सुगंधित होते हैं। यह अर्द्ध बौनी किस्म है। 130 से 135 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। प्रत्येक बाली में 70 से 90 दाने तक पाए जाते हैं। औसतन पैदावार 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश तथा उत्तराखंड में मुख्य तौर पर की जाती है। 

7. पूसा बासमती – 1718 (Pusa Basmati- 1718) 

बासमती के इस किस्म के दाने लंबे तथा खाने में स्वादिष्ट होते हैं। 135 से 140 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। 1000 दानों का वजन 22 से 24 ग्राम तक होता है। गॉल मिज, ब्लास्ट और जीवाणु पत्ती धब्बा रोग प्रतिरोधी किस्म है। औसतन पैदावार 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, बिहार तथा तमिलनाडु में मुख्य तौर पर की जाती है। 

8. पूसा बासमती – 1728 (Pusa Basmati- 1728) 

इस किस्म के दाने लंबे, वजनदार तथा सुगंधित होते हैं। 140 से 145 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। दाने की लंबाई पकने के बाद 13 .8 mm तक होती है। बैक्टीरिया ब्लाइट रोग प्रतिरोधी किस्म है। औसतन पैदावार 52 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल तथा ओडिशा में मुख्य तौर पर की जाती है।

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