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एवोकैडो की खेती कैसे करें? यहां जानें | Avocado Farming in Hindi

विश्व में एवोकैडो की खेती (avocado ki kheti) सबसे अधिक लैटिन अमेरिका में होती है। इसकी खेती अब भारत में भी हो रही है।

Avocado Farming in Hindi

Avocado Farming in Hindi: एवोकैडो (Avocado) एक विदेशी फल है। विश्व में एवोकैडो की खेती (avocado ki kheti) सबसे अधिक लैटिन अमेरिका में होती है। इसकी खेती अब भारत में भी देखने को मिल रही है।

एवोकैडो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें केले से भी अधिक पौटेशियम होता है। इसलिए दिन-प्रतिदिन इसकी मांग बढ़ रही है। गर्म क्षेत्रों के किसान एवोकैडो की खेती (Avocado Farming) करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। क्योंकि इसकी खेती के लिए गर्म जलवायु काफी उपयुक्त होता है।

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस लेख में एवोकैडो की खेती कैसे करें (avocado ki kheti kaise kare?) जानें। 

एवोकैडो की खेती के लिए जरूरी जलवायु 

एवोकैडो गर्म जलवायु का पौधा है। एवोकैडो की खेती (avocado ki kheti) भारत में मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु के कुछ भाग और हरियाणा, पंजाब के ऊपरी भाग में इसकी खेती की जाती है। इसकी खेती के लिए 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है। 

एवोकैडो की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी 

एवोकैडो की खेती के लिए लेटेराइट मिट्टी सबसे अधिक उपयुक्त होतीहै। इसके लिए मिट्टी का pH मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए। जलभराव वाले खेत में इसकी खेती नहीं करें। मिट्टी में अधिक जीवाश्म की मात्रा होने पर इसके फल बहुत अधिक लगते हैं।

एवोकैडो की प्रमुख किस्में 

फुएर्टे, पिंकर्टन, हैस, पर्पल, पोलक, ग्रीन, राउंड पेराडेनिया पर्पल, हाइब्रिड, ट्रैप, लॉन्ग, फुएरते इसकी प्रमुख किस्म हैं।

खेत की तैयारी 

एवोकैडो की खेती (avocado ki kheti) के लिए सबसे पहले खेत की गहरी जुताई कर खरपतवार को निकाल दें। इसके बाद खेत में पानी लगाकर पलेवा कर दें। पलेव से खेत की मिट्टी नम हो जाती है। नम भूमि में रोटावेटर लगाकर मिट्टी को भुरभुरी कर लें।

पौधों की रोपाई कैसे करें 

बीज को 5 डिग्री तापमान या फिर सूखे पीट में भंडारित क़र तैयार कर लें। नर्सरी में बीज को 6 माह तक उगाने के बाद खेत में लगाने के लिए निकालें। भुरभुरी मिट्टी को पाटा लगाकर समतल करें। इसके बाद खेत में पौध रोपाई के लिए 90X90 सेंटीमीटर आकार वाले गड्डों को तैयार कर लें। इन गड्डों में मिट्टी के साथ 1:1 के अनुपात में खाद मिलाकर भरें। पौधों को 8 से 10 मीटर की दूरी पर लगाएं। 

सिंचाई प्रबंधन

शुष्क और गर्म जलवायु में पौधों को 3 से 4 सप्ताह में पानी दें। सर्दियों के मौसम में मोल्चिंग विधि से नमी की कमी दूर कर सकते हैं। बारिश में जरूरत पड़ने पर ही पौधों को पानी दें। जल भराव होने पर खेत से पानी निकालें। सिंचाई के लिए ड्रिप विधि का इस्तेमाल करें। 

फल की तुड़ाई और उपज

एवोकैडो का फल पौध रोपाई के 5 से 6 वर्ष में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाता है। कटाई के बाद फल नरम होते हैं, जिन्हें पकने में 5 से 10 दिन का समय लगता है। एवोकैडो की उपज उन्नत क़िस्म, खेत प्रबंधन और पेड़ की उम्र पर निर्भर करती है। एवोकैडो का गुणवत्ता के अनुसार बाजार में यह 300 से 500 रूपए प्रति किलो तक बिकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न- एवोकाडो कितने साल में फल देता है?

उत्तर- एवोकाडो के पौधे 4-5 साल में फल देने लगते हैं। 

प्रश्न- एवोकाडो की खेती कैसे करें?

उत्तर- एवोकाडो की खेती के लिए सबसे खेती की तैयारी कर लें। इसके बाद उन्नत किस्म के पौधों का चुनाव कर पौधों की रोपाई करें। रोपाई के बाद सिंचाई और प्रबंधन पर ध्यान दें। 

प्रश्न- एवोकाडो भारत में उगाया जाता है?

उत्तर- हां, एवोकैडो की खेती भारत में होने लगी है। हालांकि यह विदेशी फल है। इसकी खेती हमारे देश में तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और सिक्किम में हो रही है।

प्रश्न- एवोकैडो उगाने में कितना समय लगता है?

उत्तर- एवोकैडो को उगाने में 4 से 5 साल का समय लग जाता है। 

ये तो थी, एवोकैडो की खेती (Avocado Farming in Hindi) की बात। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस वेबसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें। 

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