Uncategorized

अजवाइन की खेती: [मिट्टी, जलवायु और किस्मों की संपूर्ण जानकारी]

इस ब्लॉग में विस्तार से जानें- अजवाइन की खेती कैसे करें

ajwain ki kheti: अजवाइन एक मसाला वर्गीय फसल है। इसका उपयोग मसाले के साथ-साथ कब्ज, पेट दर्द, और गैस जैसी बीमारियों में किया जाता है। दुनिया भर में अजवाइन को काफी पसंद किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम टेकिस्पर्मम एम्मी है। अजावाइन की खेती (ajwain ki kheti) से किसानों को अच्छी आमदनी होती है।

भारत में अजवाइन की खेती (ajwain ki kheti) पश्चिम बंगाल, पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में होती है।

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में विस्तार से जानें- अजवाइन की खेती कैसे करें (ajwain ki kheti kaise karen)

अजवाइन की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु

अजवाइन की खेती (ajwain ki kheti) सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन दोमट मिट्टी इस फसल के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। इस फसल के लिए मिट्टी का पीएचमान 6 से 7 के बीच होनी चाहिए।

अजवाइन की खेती (ajwain ki kheti) के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता है होती है। यही कारण है कि इस फसल की बुआई रबी के सीजन की में ही की जाती है।

खेत की तैयारी

  • खेत की जुताई एक बार पलेवा करके 2-3 बार जुताई करें।
  • इसके बाद खेत में गोबर की खाद डालकर अच्छी तरह से मिला लें।
  • इसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें।

अजवाइन की खेती का तरीका

  • अजवाइन की बुआई 10 से 20 नवंबर के बीच की जा सकती है।
  • अजवायन की 1 एकड़ में खेती के लिए 1 से 1.5 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है।
  • बीज जनित रोगों से फसल का बचाव करने के लिए बुआई से पहले बीज को उपचारित कर लें।
  • बीज उपचार करने के लिए 2 ग्राम कार्बेंडाजिम को 1 किलोग्राम में मिलाकर उपचारित कर लें।
  • फसल की बुआई के समय पौधे से पौधे की दूरी 15 से 50 सेंटीमीटर और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेंटीमीटर रखें।

उर्वरक और खाद प्रबंधन

  • अजवायन की बुआई से पहले 1 एकड़ खेत में 8 से 10 टन गोबर की खाद का उपयोग करें।
  • फसल की बुआई के समय 1 एकड़ खेत में 20 किलो ग्राम डीएपी और 10 किलोग्राम यूरिया खाद का उपयोग करें।
  • फसल की बुआई के 35 से 40 दिनों बाद एक एकड़ फसल में 20 किलो ग्राम यूरिया खाद का उपयोग करें।
  • अंत में 60 से 70 दिनों के बाद 20 किलोग्राम यूरिया खाद का उपयोग करें।

सिंचाई प्रबंधन

  • अजवायन की फसल (ajwain ki fasal) को 5 से 6 सिंचाई की जरूरत होती है।
  • बुआई के समय नमी कम होने पर बुआई के तुरंत बाद सिंचाई करें।
  • फसल की नमी के अनुसार 10-12 दिनों के अंतराल में सिंचाई करते रहे।

अजवाइन की उन्नत किस्में

अजवाइन की उन्नत किस्मों में लाम सलेक्शन, राजस्थान अजवाइन 180, नरेंद्र अजवाइन 10, AA 2, गुजरात अजवाइन-1 प्रमुख हैं। अजवाइन की अपने क्षेत्र की उन्नत किस्मों के लिए अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विभाग से अवश्य संपर्क करें।

फसल की कटाई

अजवाइन की फसल (ajwain ki fasal) 140 से 160 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। अजवाइन के गुच्छे पकने पर भूरे रंग के हो जाते हैं। गुच्छे को काटकर धूप में अच्छी तरह से सूखने के बाद डंडे से पीटकर दाने को अलग कर लें। आपको बता दें, एक एकड़ अजवाइन की फसल से 3 से 4 क्विंटल तक उत्पादन हो जाता है। मंडी में अजवाइन का भाव 15 से 20 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक होता है। ऐसे में आप अन्य परंपरागत फसलों की तुलना में अजवाइन की खेती (ajwain ki kheti) से ज्यादा मुनाफा पा सकते हैं।

अजवाइन की खेती से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न- अजवाइन की खेती कौन से महीने में की जाती है?

उत्तर- अजवाइन की खेती सितंबर से लेकर नवंबर के महीने में की जाती है।

प्रश्न- क्या भारत में अजवाइन उगाई जा सकती है?

उत्तर- हां, भारत में अजवाइन उगाई जा सकती है। भारत की जलवायु अजवाइन की खेती के लिए उपयुक्त है।

प्रश्न- अजवाइन को बीज से उगने में कितना समय लगता है?

उत्तर- अजवाइन को बीज से उगने में 10-15 दिन का समय लगता है।

प्रश्न- अजवाइन कौन से मौसम में होती है?

उत्तर- अजवाइन की खेती रबी के मौसम में होती है।

प्रश्न- अजवाइन सबसे अच्छी कहां बढ़ती है?

उत्तर- अजवाइन सबसे अच्छी ठंड के मौसम में जहां का तापमान 20 से 35 डिग्री के बीच हो।

प्रश्न- अजवाइन के बीज कहां से आते हैं?

उत्तर- अजवाइन के बीज फूल से आते हैं। अजवाइन की फसल गुच्छे की आकार में होती है। इसी से इसके बीज आते हैं।

ये तो थी, अजवाइन की खेती (ajwain ki kheti) की जानकारी। ऐसे ही खेती की उन्नत जानकारी और ग्रामीण विकास संबंधित ब्लॉग पढ़ने के लिए आज ही द रूरल इंडिया वेबसाइट विजिट करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button